नई दिल्ली | शालू शर्मा :
HC को चेक बाउंस मामलों के जल्द निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा-निर्देशों के साथ सामने आया और केंद्र से कहा कि वे ऐसे मामलों में मुकदमों की क्लबिंग सुनिश्चित करने के लिए कानूनों में संशोधन करें, जो एक ही लेनदेन से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एक वर्ष के भीतर दर्ज किए जाते हैं।
शीर्ष अदालत ने देश भर के सभी उच्च न्यायालयों को चेक बाउंस मामलों से निपटने के लिए ट्रायल अदालतों के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने आगे कहा कि चेक बेईमान मामलों में साक्ष्य अब हलफनामा दाखिल करके किए जा सकते हैं और शारीरिक रूप से गवाहों की जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
शीर्ष अदालत ने 10 मार्च को देश भर में चेक बाउंस मामलों के शीघ्र निपटान के लिए उठाए जाने वाले कदमों को निर्दिष्ट करते हुए तीन महीने में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समिति का गठन किया था।
उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को चेक बाउंस मामलों के त्वरित निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा-निर्देशों के साथ सामने आया और केंद्र से कहा कि वे ऐसे मामलों में मुकदमों की क्लबिंग सुनिश्चित करने के लिए कानूनों में संशोधन करें, जो एक ही लेनदेन से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एक वर्ष के भीतर दर्ज किए जाते हैं।
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