माइंस सेफ्टी के डिप्टी डीजी के खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस।

नई दिल्ली | शालू शर्मा :

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) के लोक सेवक से जुड़े एक रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसमें निजी व्यक्तियों की मिलीभगत थी, जिन्होंने मौखिक परीक्षा में कुछ उम्मीदवारों की योग्यता सुनिश्चित करने के लिए साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के साथ छेड़छाड़ की और उन्हें प्रभावित किया।
धनबाद के उप महानिदेशक (मध्य क्षेत्र), डीजीएमएस, प्रधान कार्यालय, दो निजी व्यक्तियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों पर एक मामला दर्ज किया गया है कि उप महानिदेशक (मध्य क्षेत्र) के साथ-साथ निजी व्यक्तियों और अन्य लोगों ने साजिश में प्रवेश किया था प्रबंधक सुरक्षा, योग्यता प्रमाण पत्र (प्रतिबंधित और अप्रतिबंधित) के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं को अर्हता प्राप्त करने के बाद मौखिक परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले कुछ उम्मीदवारों के लिए अनुचित एहसान दर्शाना, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी (DGMS) द्वारा आयोजित और साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के साथ छेड़छाड़ और प्रभावित करने के लिए ऐसे उम्मीदवारों को भारी मात्रा में अवैध संतुष्टि के एवज में अर्हता प्राप्त करना।
आगे आरोप लगाया गया कि उप महानिदेशक (मध्य क्षेत्र) ने उक्त साक्षात्कार में 48 उम्मीदवारों को योग्य पाया था, जिन्हें उक्त निजी व्यक्ति द्वारा भेजा गया था। ऐसे प्रत्येक उम्मीदवार के लिए, कथित रूप से लोक सेवक ने 1.5 लाख रुपये की राशि को स्वीकार करने के लिए सहमति व्यक्त की, कुल 72 लाख रुपये। यह आरोप लगाया गया था कि उक्त राशि को दो किश्तों में एक अन्य निजी व्यक्ति (लोक सेवक के रिश्तेदार), लखीसराय (बिहार) में वितरित किया जाना था।
सीबीआई ने एक जाल बिछाया और 35 लाख रुपये की कथित रिश्वत राशि की पहली किस्त का आदान-प्रदान करते हुए आरोपी व्यक्तियों को पकड़ लिया।
लखीसराय, धनबाद, रांची, नागपुर, उदयपुर, शहडोल, हैदराबाद, बिलासपुर सहित 12 स्थानों पर तलाशी की जा रही है, जिसके कारण मामले में आपराधिक दस्तावेजों की बरामदगी हुई है।


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