दिल्ली | श्रुति नेगी :
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, साथ ही जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को पूर्वोत्तर दिल्ली में पिछले फरवरी के दंगों के मुख्य साजिश मामले में जमानत दे दी। उच्च न्यायालय ने तीनों मामलों में से प्रत्येक में ₹50,000 के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर जमानत दी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने कुछ शर्तें भी रखीं जिनका पालन तीनों को करना होगा। इनमें स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को अपने संबंधित मोबाइल फोन नंबर और वर्तमान आवासीय पते प्रदान करना, साथ ही उनके पासपोर्ट को सरेंडर करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, वे इस मामले के किसी भी गवाह से संपर्क नहीं कर सकते, न ही सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं या किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते हैं।
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