यूपी | शालू शर्मा :
उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि बुंदेलखंड अब प्यासा नहीं रहेगा क्योंकि वह इस क्षेत्र में पानी के संरक्षण और इसके बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा कि वह स्प्रिंकलर सिंचाई और “खेत तालाब योजना” सहित विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र में पानी की हर बूंद का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लगन से प्रयास कर रही है। योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 10,000 खेत तालाब बनाने की योजना बना रही है, जबकि अन्य योजना के तहत अब तक 49.56 करोड़ रुपये की लागत से 4400 ऐसे तालाब खोद चुकी है। इसकी ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ योजना का हस्तक्षेप’ घटक। इनमें से अधिकांश तालाबों का निर्माण बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्रों में किया गया है।
इन तालाबों की जियो-टैगिंग के साथ ही किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। बरसात के मौसम में इन तालाबों में बचाए गए पानी का उपयोग सिंचाई के लिए और बाकी मौसमों में मवेशियों के पीने के पानी के रूप में किया जाएगा।
इस संदर्भ में योगी सरकार तीन स्प्रिंकलर परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिनमें मसगांव मिर्च (हमीरपुर), कुलपहाड़ (महोबा) और शहजाद (ललितपुर) परियोजनाएं शामिल हैं, जो कम पानी से अधिक क्षेत्र की सिंचाई के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर रही हैं। परियोजनाओं के इसी साल पूरा होने की संभावना है। अन्य सिंचाई परियोजनाओं को बाद में स्प्रिंकलर से जोड़ने की भी योजना है।
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