कला और कलाकार, दोनो को बचाना है।

नॉएडा (कपिल कुमार)

नॉएडा के सेक्टर ५० में रहने वालों ने अक्सर मधुर बांसुरी की आवाज़ सुनी होगी. पर कभी किसी ने सोचा नहीं की इस मधुर ध्वनि के पीछे कितनी पीड़ा छुपी होगी।

रमिता तनेजा वाइस प्रेज़ेंट महागूँ माइस्ट्रो. जो बहुत से सामाजिक कार्यों से जुड़ी है ने इस बात का एहसास किया की किस प्रकार इन कलाकारों को ना तो पैसे, नो शोहरत और ना ही बढ़ावा मिलता है. जिसके फल स्वरूप हमारी बहुत से कलाकार अपनी कला छोड़ कर. गार्ड. धोबी इत्यादि बन जाते है। भारत मैं ऐसे कई कलाकार है जिन्होंने अपने घर परिवार को पालने के लिए अपनी कला को त्याग दिया।
रमिता चाहती है कि ऐसे कलाकारों को १ मौक़ा मिलना चाहिए. जहां वह इज़्ज़त. प्यार से अपनी कला का प्रदर्शन करे। महागूँ माइस्ट्रो के र व आ ने १ शाम का आयोजन किया और उसीम को आमंत्रित किया ,उसने बांसुरी बजाए। तालियों की गड़गड़हत ने उसका सारा डर हटा दिया !

लोगों ने ना केवल बांसुरी ख़रीद कर. परंतु उसकी मदद आर्थिक रूप से भी करि। उसीम ने बंसी खुद ही यू टूब पर सीखी है। यह
१ उभरता हुआ सितारा है जिसे मदद की ज़रूरत है


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