ग्रेटर नोएडा (आर्य सागर खारी)
जनपद गौतम बुध नगर के बंबावड़ कुड़ी खेड़ा महावड रसूलपुर बिसाडा सहित 30 से अधिक गांवों के ग्रामीण जनता किसानों प्रधान बीडीसी आदि की मांग पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। गौतम बुध नगर सांसद दादरी विधायक ने चुनाव से पूर्व हजारों ग्रामीणों से वादा किया था कि वे पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से कट संपर्क मार्ग इंटरचेंज बंबावड़ ग्राम में बनवा देंगे दो बार केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी जी से भी ग्रामीणों की भेंट हुई सांसद विधायक के माध्यम से लेकिन सूचना के अधिकार कानून के तहत प्राप्त जवाब से अलग ही विरोधाभासी तथ्य निकल कर आ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इंटरचेंज को लेकर जो जवाब दिया है वह निराशाजनक है अभी तक कोई भी टेक्निकल सर्वे कार्य योजना सुझाव मांग पत्र परियोजना निदेशक पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को नहीं मिला है पांचों बिंदुओं पर एनएचएआई ने जवाब दिया है कि हमने केवल भविष्य में इंटरचेंज के लिए लूप का निर्माण किया है एक्सप्रेस के पास मास्टर प्लान में कोई कनेक्टिविटी रोड समानांतर सड़क के ना होने तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मांग के अभाव में राजमार्ग प्राधिकरण ने यह परिकल्पना की है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कोई इंटरचेंज की आवश्यकता नहीं है। देखिए अपने प्यारे भारतवर्ष में कितनी अजीब व्यवस्था है हजारों नागरिकों की मांग दिखाई नहीं दी राजमार्ग प्राधिकरण को ।अवगत हो कि इंटरचेंज ना होने के कारण घायल भी इस हाइवे पर दम तोड़ देते हैं सड़क दुर्घटना में बचाव नहीं मिल पाता बादलपुर पुलिस अनेक बार मांग उठा चुकी हैं राहत कार्य में डासना या बील अकबरपुर इंटरचेंज से घूम कर जाना पड़ता है तब तक काफी देर हो जाती है इस सब के बावजूद लोकतंत्र मे किसानो ग्रामीणों को राजमार्ग से संपर्क कर उनकी मांग पर नहीं मिलेगा यदि सरकार का प्राधिकरण चाहेगा तो संपर्क मिल जाएगा एनएचआई ने इस वर्क को डिपॉजिट वर्क में शामिल किया है। अब प्राधिकरण बगैर अपने लाभ के वहां इंटरचेंज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर क्यो बनाएगा? दो ही स्थिति है या तो किसानों को इंटरचेंज मिलेगा प्राधिकरण उनकी जमीन विकास के नाम पर छीन लेगा जब जमीन अधिकृत हो जाएगी तो इन 25 गांवों के ग्रामीणों को क्या लाभ?
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