ग्रेटर नोएडा (कपिल कुमार)
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले गांव तिलपता की बात करें तो यह गांव पहले विकसित गांव माना जाता था दादरी से नोएडा वाली जाने रोड पर स्थित है तो कनेक्टिविटी अच्छी थी, एशिया का सबसे बड़ा कंटेनर डिपो है, डेंसो कंपनी है गांव में किराएदार भी थे जो एक अच्छे गांव की खासियत होती है वह सारी सुविधाएं यहां पर थी लेकिन कुछ समय से इस गांव के संसाधनों पर बाहरी लोगों का कब्जा होता जा रहा है और गांव विकास से दूर होता जा रहा है
ग्रेटर नोएडा में डेवलपमेंट के लिए प्राधिकरण काम करता है प्राधिकरण के काम करने की नीति है कि जमीन को अधिग्रहण करेगा वहां पर वह ज्यादा से ज्यादा विकास कार्य करेगा, उस गांव को एक प्लान के तहत विकसित करेगा लेकिन अगर प्राधिकरण को किसी गांव में अधिग्रहण के लिए जमीन ही ना मिले तो किस जमीन पर डेवलपमेंट कार्य करेगा और विकास की योजनाएं कहां आएंगी
तिलपता गांव को कुछ लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए विकास से दूर कर दिया है आज तिलपता गांव में जिस तरफ भी आप देखोगे आपको सिर्फ अनऑथराइज्ड कॉलोनी ही कॉलोनिया दिखेंगी, हो सकता है आज लोगों को कुछ पैसों का लाभ हो रहा हो, लेकिन भविष्य में यह गांव के अस्तित्व के लिए खतरा बनेंगे,
तिलपता गांव के लोगों को इस पर विचार करना चाहिए, की आज उन्हें कुछ पैसों का सुख चाहिए, या अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल और सुरक्षित वातावरण चाहिए?
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