ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने अजनारा बिल्डर का भूखंड आवंटन निरस्त कर दिया है। प्राधिकरण ने बिल्डर पर ये कार्रवाई 42. 82 करोड़ बकाया होने को लेकर की है। अब प्राधिकरण परियोजना को पूरी कर खुद फ्लैट खरीदारों को कब्जा देगा।
उल्लेखनीय है कि बिल्डर को भूखंड की लीज डील साल 2011 में हुई थी। 3266 फ्लैट के लिए नक्शा स्वीकृत कराया गया था। जिसमें 695 फ्लैट के लिए सीसी जारी की गई थी। बिल्डर पर प्राधिकरण का 42 करोड़ बकाया है। रीशिड्यूलमेंट के बाद भी किस्तों का भुगतान नहीं किया। प्राधिकरण ने निरस्तीकरण के साथ 11 करोड़ भी जब्त कर लिए हैं।
इससे पहले मार्च महीने में एक मामले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद अजनारा बिल्डर को नोटिस जारी हुआ था। मामला नोएडा के सेक्टर-74 स्थित ग्रैंड अजनारा हेरिटेज सोसायटी का था, जिसमें वर्ष 2020 से निवासी बिल्डर की मनमानी की शिकायत प्राधिकरण के नियोजन विभाग में कर रहे थे, लेकिन अधिकारी शिकायत पर संज्ञान लेने को तैयार तक नहीं हुए, उल्टा शिकायतों को ही पांच जनवरी को झूठा साबित कर आख्या प्रस्तुत कर दी कि यहां पर बिल्डर काम ही नहीं कर रहा है।
जब इस मामले पर निवासियों ने साक्ष्यों के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया तो अधिकारी व बिल्डर सांठगांठ की पोल खुली। वरिष्ठ आइएएस विजेंद्र कुमार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई को इस मामले में कार्रवाई के लिए लिखना पड़ा। जब यह पत्र नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंचा तो आनन फानन में 24 मार्च को बिल्डर को नोटिस जारी किया गया।
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