नशा छुड़ाने के नाम पर मुक्ति केंद्र में यातनाएं, शराब के आदी युवक की मौत के बाद आगरा में हंगामा और तोड़फोड़

Torture in the liberation center in the name of de-addiction

आगरा। नशा छुड़ाने के नाम पर नशा मुक्ति केंद्र में मजदूर को यातनाएं दी गईं। स्वजन का आरोप है कि उसे डंडों से पीटा गया और करंट लगाया गया। मौत होने पर स्वजन ने शुक्रवार को नशा मुक्ति केंद्र में तोड़फोड़ की और हंगामा किया। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया है।
सादाबाद के कश्यप नगर निवासी 40 वर्षीय मजदूर मुकेश को शराब पीने की लत थी। स्वजन इसको लेकर परेशान थे। उन्होंने सर्च इंजन गूगल पर नशा मुक्ति केंद्र का नंबर सर्च किया। इसके बाद उन्होंने काल की। नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी ने बताया कि दो माह में वे नशा छुड़वा देंगे। इसके लिए उन्हें दो माह का सात हजार रुपये शुल्क देना पड़ेगा।उन्होंने बताया था कि नशा मुक्ति केंद्र कालिंदी विहार में हैं।
बात तय होने पर बुधवार को नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी कार लेकर सादाबाद पहुंच गए। वहां से 4500 रुपये लेकर मुकेश को नशा मुक्ति केंद्र के लिए ले आए। नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी ने मुकेश के भांजे को गुरुवार सुबह एक वीडियो भेजी, जिसमें मुकेश और अन्य लोग योग करते हुए दिखाई दे रहे थे। इसके बाद उनसे कोई बात नहीं कराई। शाम साढ़े चार बजे केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें सूचना दी कि मुकेश हास्पिटल में भर्ती हैं। स्वजन पहुंचे तो वे मृत मिले। शव पर डंडों से पीटे जाने के निशान दिख रहे थे। पैरों में छेद थे।
स्वजन का आराेप है कि मुकेश को डंडे से पीटा गया और उसे करंट भी लगाया गया था। उन्होंने बर्बरता दिखाती तस्वीरों भी पुलिस से साझा की हैं। मुकेश की मौत होने के बाद हास्पिटल में छोड़कर कर्मचारी भाग गए। तहरीर देने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इससे गुस्साए स्वजन शुक्रवार सुबह नौ बजे नशा मुक्ति केंद्र पर पहुंच गए। वहां पथराव कर तोड़फोड़ की। काफी देर तक वहां हंगामा किया। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला ने कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें वहां से हटाया।


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