ग्रेटर नोएडा (कपिल कुमार)
गौतम बुध नगर में इस समय चार प्राधिकरण काम कर रहे हैं न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और UPSIDC. इन सभी की स्थापना औद्योगिक विकास के लिए की गई थी। इन्हें एक ऐसा क्षेत्र बनाना था जहां पर लोगों को सस्ती जमीन, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर और वह सभी सुविधाएं मिलेगी जो एक इंडस्ट्रीज को चाहिए लेकिन फिलहाल की गतिविधियों से ऐसा प्रतीत होता है कि यह चारों प्राधिकरण अपने उद्देश्यों को भूल चुके हैं और प्रॉपर्टी डीलर का काम करने लगे हैं।
चारों प्राधिकरण इंडस्ट्रीज को सहयोग करने की बजाय उनसे व्यापार करने पर उतर आई है सस्ती जमीन उपलब्ध कराने की बजाय जमीन नीलामी प्रक्रिया के द्वारा दिए जाने की पॉलिसी शुरू की गई है जो बिल्कुल भी इंडस्ट्रीज के हित में नहीं है यह पॉलिसी केवल इन्वेस्टर और प्रॉपर्टी डीलर के ही हित की है इस समय प्राधिकरण का मकसद सिर्फ एक ही है कि वह अपनी जमीन को महंगे से महंगे दाम पर बेचे।
नीलामी प्रक्रिया के बाद से, इंडस्ट्रीज एरिया में खाली पड़े हैं प्लॉट
प्राधिकरण में जब से इंडस्ट्रियल प्लॉट ओं की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है उसके बाद से इन्वेस्टर और प्रॉपर्टी डीलरों की दिलचस्पी इन प्लॉटों में ज्यादा बढ़ गई उन लोगों को इन प्लॉटों में इन्वेस्टमेंट का जरिया दिखने लगा है इंडस्ट्रियल प्लॉट ओं की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है ऐसे में यह देखा गया है जहां इंडस्ट्रीज चलनी चाहिए थी बहुत ज्यादातर प्लॉट खाली पड़े है क्योंकि इन प्लॉटों में ज्यादा संख्या इन्वेस्टर और प्रॉपर्टी डीलर की है उन्हें कोई इंडस्ट्री नहीं लगानी है सिर्फ और सिर्फ प्लॉट के रेट बढ़ाने हैं। प्राधिकरण को यह सोचना चाहिए कि अगर इंडस्ट्रीज नहीं लगेगी यहां पर लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा लोग यहां फिर रहेंगे ही क्यों?
नीलामी पॉलिसी के दुष्प्रभाव :-
- यह पॉलिसी एमएसएमई इंडस्ट्रीज को मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने से हतोत्साहित करेगी।
- प्रॉपर्टी डीलर यह वस्तु की मदद करेगी जो अपने सर प्लस फंड को इंडस्ट्रियल प्लॉट में समायोजित करने में रुचि रखते हैं लेकिन उद्योग लगाने में।
- इंडस्ट्री भूमि के रेट कितने रूप से बढ़ाई गई जिससे वास्तविक एमएसएमई उद्योग के लिए उद्योग लगाना संभव नहीं रह पाएगा।
- इस पॉलिसी से मैं केवल एमएसएमई वह पूरे क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो जाएगा।
- इस पॉलिसी से नई परिपाटी को बढ़ावा मिलेगा जिसमें इन्वेस्टर भूमि खरीदेगा और इंडस्ट्रीज चलाने के लिए उद्यमी किराए पर देंगे, फिलहाल में भी बहुत इंडस्ट्रीज किराए पर चल रहे हैं लेकिन नीलामी पॉलिसी के बाद ही परिपाटी बहुत तेजी से बढ़ेगी।
यह बात सच है की नीलामी प्रक्रिया से प्राधिकरण को अधिक आमदनी होती है लेकिन अगर प्राधिकरण का स्थापना उद्देश्य ही छूट जाता है तो फिर आमदनी कमाने का क्या मतलब, और यह आमदनी सिर्फ एक बार होगी लेकिन अगर इन प्लॉटों पर इंडस्ट्रीज चलेंगे तो आमदनी भी होगी लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मिलेगा।
प्राधिकरण को अपने स्थापना के उद्देश्य को याद करना चाहिए, इंडस्ट्रियल प्लॉट ज्यादा से ज्यादा उद्यमियों को दिए जा जिससे कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हो सके और लोगों को रोजगार भी मिला शहर का विकास हो सके, सिर्फ घर बेचने से शहर का विकास नहीं होगा प्राधिकरण अपने प्रॉपर्टी डीलिंग के काम को छोड़ें और विकास के काम पर ध्यान दें।
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