श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद ईदगाह मामले में वाद स्वीकार, अदालत में होगी आगे की सुनवाई

Case accepted in Shri Krishna Janmabhoomi and Shahi Masjid Idgah case

आगरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में सबसे पहला वाद दायर करने वाली रंजना अग्निहोत्री की अपील पर गुरुवार को जिला जज राजीव भारती की अदालत अपना फैसला सुना दिया। दोपहर साढ़े 12 बजे अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि रंजना अग्निहोत्री की ओर से दायर अपील सुनवाई योग्य है। इसके साथ ही ये तय हो गया कि उनका वाद आगे चलेगा।
रंजना अग्निहोत्री ने सितंबर 2020 में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को रद करने की मांग की है। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है।
सिविल जज की अदालत से वाद खारिज होने के बाद उन्होंने जिला जज की अदालत में अपील दायर की थी। इसमें वादी के साथ ही प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान (पूर्व में सेवा संघ), श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की सुनवाई पूरी हो गई थी। जिला जज की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया गया कि वाद को लेकर रंजना अग्निहोत्री की ओर से दाखिल अपील सुनवाई योग्य है। इसलिए इस वाद को आगे चलाया जाएगा।
दस अन्य वाद भी चल रहे अदालत में
रंजना अग्निहोत्री के अलावा श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में दस अन्य वाद भी अदालत में दाखिल हैं। इनमें मनीष यादव, महेंद्र प्रताप सिंह, अनिल त्रिपाठी, पवन शास्त्री, शैलेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, दिनेश शर्मा, पंकज सिंह और दिनेश शर्मा ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर कर रखा है। जबकि शैलेंद्र सिंह ने एक वाद जिला जज की अदालत में भी दाखिल किया है। पिछले दिनों वादी मनीष यादव ने हाईकोर्ट इलाहाबाद में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान से जुड़़े सभी वादों को एक साथ सुनने की मांग की थी। इस पर अदालत ने सभी वादों की एक साथ सुनवाई करने के साथ ही चार माह में निस्तारण करने का आदेश दिया था।

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