ग्रेटर नोएडा। (कपिल कुमार)
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अवैध निर्माण तेजी से बढ़ा है इसके पीछे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ही है, जिन लोगों पर अवैध निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी थी, उन लोगों ने अवैध निर्माण को रोकने की बजाएं, इसे पैसा कमाने का अवसर समझा, सबसे ज्यादा अवैध निर्माण पिछले दो से ढाई सालों में हुआ है, बिना अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण हो ही नहीं सकता था, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का मास्टर प्लान इन अवैध निर्माण से पूरी तरह फेल हो गया है और इसके दोषी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी है सबसे पहले उन पर कार्रवाई होनी जरूरी है।
प्राधिकरण के अधिकारियों के कारण हुआ अवैध निर्माण।
बिना प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण या अवैध कॉलोनी बनाना संभव नहीं थी यह सब अवैध निर्माण प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से ही हो रहा है, जहां जहां पर अवैध निर्माण हो रहा है वह सब जगह आपको सुनाई देगा, कि प्राधिकरण के अधिकारियों को पैसा जा रहा है इसीलिए वह लोग हमारा काम नहीं रुको सकते हैं और जब बुलडोजर तोड़ना आता है तो पहले ही बता देते हैं।
सबसे ज्यादा अवैध निर्माण तिलपता, सुनपुरा, सादुल्लापुर आदि गांवों में हो रहा है कुछ गांव में अभी अवैध निर्माण की शुरुआत हुई है कालोनियां बननी शुरू हुई है लेकिन वहां भी प्राधिकरण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है दिन-रात उन लोगों का काम चालू है।
लूट रही है गरीब और भोली भाली जनता।
कॉलोनाइजर और प्राधिकरण के अधिकारियों के गठजोड़ में गरीब और भोली भाली जनता लूट रही है उनके जीवन भर की पूंजी यह लोग मिलकर खा रहे है। गरीब लोग अपने घर की आस में इन लोगों के हाथ में अपना पूरा पैसा थमा देते हैं जब उनको सच्चाई का पता लगता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी को देखना चाहिए अवैध निर्माण।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जहां-जहां भी अवैध निर्माण हो रहा है उन गावों को एक बार खुद जरूर देखना चाहिए, उनको देखकर अंदाजा लग जाएगा कि ये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के ही करतूत है उन्हीं के लालच के कारण अवैध निर्माण हुआ है और लगातार आज भी जारी है।
