नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले में दोषी आंतकी यासीन मलिक को एनआइए की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यासीन द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोप स्वीकार करने के बाद एनआइए के स्पेशल कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया। हुर्रियत नेता और प्रतिबंधित संगठन जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में अदालत ने गुरुवार को दोषी ठहराया था।
अराजकतत्वों पर सुरक्षाबलों की नजर
यासीन मलिक को हवालात से कोर्ट लाया गया है। यासीन मलिक को कभी भी फांसी अथवा उम्र कैद की सजा का ऐलान हो सकता है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोर्ट में मीडिया के साथ ही अन्य लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही कश्मीर में यासीन मलिक के घर के बाहर उसके समर्थकों द्वारा नारेबाजी करने और पथराव करने की सूचना है। सूचना है के पुलिस ने घर के बाहर भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। फिलहाल, यासीन मलिक के समर्थकों और अन्य असामाजिक तत्वों पर सुरक्षा बलों की नजर है। सुरक्षा बलों का दावा है कि माहौल खराब करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
‘फांसी मंजूर, नहीं मांगूंगा माफी’
यासीन मलिक ने कहा कि अगर मैं 28 साल में किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं। अगर भारतीय खुफिया एजेंसी यह साबित कर देती है तो मैं भी राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मैं फांसी स्वीकार करूंगा, मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। बता दें कि यासीन मलिक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग मामले में फांसी की सजा की मांग की है।
यासीन मलिक के बाहर सुरक्षाबलों पर पथराव
सजा के फैसले से पहले यासीन मलिक के घर के बाहर लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की है, और साथ में नारे भी लगाए हैं। बवाल बढ़ने के बाद सुरक्षाबलों ने फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे।
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