-हाईकोर्ट के आदेश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने की कार्रवाई
-इकोटेक वन एक्सटेंशन वन स्थित जमीन की कीमत है करीब 2.5 करोड़
-दो उद्योगों को आवंटित हैं प्लॉट, लंबे समय से अटके थे, अब लग सकेंगे
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लंबे समय से ईकोटेक वन एक्सटेंशन वन में अटके दो उद्योगों को जमीन मिल गई है। सीईओ के निर्देश पर प्राधिकरण ने दोनों औद्योगिक भूखंडों को अवैध कब्जे से मुक्त करा दिया है। मंगलवार को प्राधिकरण ने करीब 8200 वर्ग मीटर के कुछ हिस्से पर अस्थायी रूप से बने अवैध कब्जे को ध्वस्त कर दिया। इससे उद्योगों के लगने का रास्ता साफ हो गया है। अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन की कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये है।
ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टर इकोटेक वन एक्सटेंशन वन में दो औद्योगिक भूखंडों पर करीब 10 वर्षों से अवैध कब्जा हो रखा था, जिससे आवंटी उद्योग नहीं लगा पा रहे थे। यह विवाद हाईकोर्ट में भी चल रहा था। हाईकोर्ट के आदेश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मंगलवार सुबह दोनों भूखंडों को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर आवंटियों को पजेशन दे दिया। प्राधिकरण के डीजीएम केआर वर्मा के नेतृत्व में एसडीएम शरद पाल व वरिष्ठ प्रबंधक राजीव कुमार और टीम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में छह बुल्डोजरों की मदद से करीब तीन घंटे तक कार्रवाई कर 8200 वर्ग मीटर जमीन पर आंशिक अतिक्रमण को हटा दिया है। डीजीएम केआर वर्मा ने मौके पर ही अवैध कब्जाधारियों को दोबारा अतिक्रमण करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडल कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में अवैध रूप से जमीन कब्जाने वालों के खिलाफ इसी तरह से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उद्योगों के लगने की राह में अवैध कब्जे को बाधक नहीं बनने दिया जाएगा।
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