नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में तस्कर रविंदर गुप्ता को गिरफ्तार किया है। वह पहले टैक्सी चलाकर परिवार का गुजारा करता था। उक्त पेशे से जीविका न चलने पर आसान तरीके से जल्द व अत्यधिक पैसा कमाने के लिए दिल्ली व उत्तर प्रदेश में ड्रग्स तस्करी करने लगा। उसके खिलाफ दिल्ली व गाजियाबाद में ड्रग्स तस्करी के पहले से सात मामले दर्ज हैं। इसकी गिरफ्तारी से क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद में दर्ज ड्रग्स तस्करी के दो मामले सुलझाने का दावा किया है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच के मुताबिक रविंदर गुप्ता उर्फ कमल, सागरपुर का रहने वाला है। पिछले साल कोरोना के कारण उसे जेल से जमानत मिल गई थी। निर्धारित समय बीत जाने के बावजूद उसने समर्पण नहीं किया और फिर से वारदात करने लगा था। वह 2018 के गाजियाबाद में ड्रग्स तस्करी के जिस मामले में वांछित था उक्त मामले में उसके दो साथियों संजीत और अंकुर के पास से 105 किलो चरस बरामद हुआ था। साथ ही उनके पास से दो अवैध पिस्टल और 10 राउंड कारतूस भी मिले थे। 28 मई को क्राइम ब्रांच की टीम ने र¨वदर गुप्ता को महिपालपुर से दबोच लिया।
ट्रक के नीचे सो रहे हेल्पर की मौत
आइपी एस्टेट थाना क्षेत्र में शनिवार दोपहर में ट्रक के नीचे सो रहे हेल्पर के सिर के ऊपर से ट्रक का पहिया निकलने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। मृतक की शिनाख्त 26 वर्षीय पंडित के रूप में हुई है। फिलहाल, पुलिस फरार ट्रक चालक की तलाश कर रही है। जानकारी के अनुसार, जीएसटी विभाग ने अलीगढ़ से सामान ला रहे ट्रक को जब्त किया था। यह ट्रक डब्ल्यूएचओ के पास जीएसटी की पार्किंग में खड़ा था। ट्रक की देखरेख के लिए ड्राइवर सद्दाम, हेल्पर राजू और पंडित रुके हुए थे और शनिवार को खाना खाने के बाद सद्दाम और राजू ट्रक की केबिन में सोने चले गए, जबकि 26 वर्षीय पंडित ट्रक के नीचे सो गया।
कुछ देर बाद तेज धूप होने पर सद्दाम और राजू ट्रक को छांव में ले जाने लगे। इस दौरान पंडित के सिर पर ट्रक का पहिया आ गया। घटना के बाद सद्दाम और राजू फरार हो गए। थोड़ी देर बाद वहां से गुजर रहे एक शख्स ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ट्रक कौन चला रहा था, इसका पता फिलहाल नहीं चल पाया है। दोनों के पकड़े जाने के बाद ही पूरी जानकारी मिल पाएगी।
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