लखनऊ। विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार के बजट को सबका साथ, सबका विकास वाला बताते हुए कहा कि उनके (सपा नेताओं की ओर इशारा करते हुए) लिए समाजवाद का मतलब परिवारवाद होता है। वे कुछ का साथ और कुछ के विकास की ही सोचते हैं जबकि हमारे लिए सबका साथ-सबका विकास ही समाजवाद है।
केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं का जिक्र करते हुए मौर्य ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था से प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। परिषद में मौर्य ने बजट का समर्थन करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य भ्रष्टाचार मुक्त विकास है। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई पर उन दलों को दर्द हो रहा है जिनकी राजनीति उनसे है। सपा पर तंज कसते हुए कहा कि अब भैंस नहीं अपराधी पकड़ रही है पुलिस।
कल्याण सिंह सरकार के नकल विरोधी कानून का जिक्र करते हुए मौर्य ने कहा कि गैर भाजपा सरकार में पनपने वाले अब पर्चे लीक कराने में लिप्त हैं जिन पर कड़ी कार्रवाई हो रही है। विपक्ष के अच्छे सुझाव स्वीकारने की बात कहते हुए मौर्य ने कहा कि हमारा संकल्प प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने का है।
कांग्रेस के दीपक सिंह ने बजट पर कहा कि जाति धर्म के नाम से प्रदेश का विकास नहीं होगा। बजट को पुराने की फोटोकापी बताते हुए जनता को धोखा देने वाला बताया। काम से ज्यादा प्रचार पर खर्च किया जा रहा है। शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सरकार भले गुणगान करे लेकिन नई पेंशन योजना से नुकसान हो रहा है।
कोरोना काल में लिए गए परीक्षा शुल्क से शिक्षकों के बकाए का भुगतान कराने को कहा। त्रिपाठी ने कहा कि सरकार बच्चों को वर्षभर के लिए मुफ्त कापियां भी दे। बोले, शिक्षकों से गर्मी की छुट्टियों में भी काम लिया जा रहा है। उनसे दान के जरिए भूसा जुटाने को कहा गया है। शिक्षकों को भी राज्यकर्मियों की तरह ईएल (अर्जित अवकाश) मिले। निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंंह चन्देल ने कहा कि दुर्भाग्य से शिक्षा समान रूप से लागू नहीं हो सकी है। उन्होंने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने एवं उनके स्थायीकरण पर सवाल उठाया।
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