नोएडा । जिले में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शिक्षण संस्थानों और स्वास्थ्य केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, लेकिन सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल, ईएसआइसी, चाइल्ड पीजीआइ सहित शहर के प्रमुख सरकारी कार्यालयों के बाहर तंबाकू की बिक्री होती रही। स्कूल, कालेज के बाहर तंबाकू की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से धड़ल्ले से तंबाकू की बिक्री हो रही है। वहीं सरकारी कार्यालयों में लोग तंबाकू का सेवन कर इसकी पीक दीवारों पर मार रहे हैं, जबकि कार्रवाई के लिए अधिकृत जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की सलाहकार डा श्वेता खुराना के पास गौतमबुद्ध नगर के साथ ही शामली का भी चार्ज है।
इस कारण वह जिले में तंबाकू की लत छुड़ाने व जागरूकता संबंधी कार्यक्रमों में भाग नहीं ले पाती। ऐसे में तंबाकू की लत छुड़ाने को लेकर आयोजित कार्यक्रम खानापूर्ति साबित हो रहे हैं। पिछले एक वर्ष में तंबाकू अधिनियम का उल्लंघन करने पर कितने के चालान काटे गए हैं, विभाग के पास इसका कोई विवरण नहीं है। कोटपा अधिनियम का उल्लंघन करने पर कितने सरकारी कार्यालयों, अर्ध सरकारी प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया गया, इसका भी लेखा-जोखा नहीं है। नियमानुसार स्कूल, कालेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के करीब तंबाकू उत्पाद की बिक्री पर जुर्माना व सजा दोनों का प्रविधान है।
इसके अलावा उक्त तंबाकू उत्पादों को 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों को बेचना व उनके जरिये बिकवाना भी वर्जित है, लेकिन शहर के शिक्षण संस्थानों के बाहर इसका पालन नहीं हो रहा है। सरकारी कार्यालयों के बाहर से खींची गई पीली रेखा भी गायब हो चुकी है। इसमें तंबाकू चबाना और धुआं उड़ाना प्रतिबंधित है। इस संबंध में शिक्षण संस्थानों को तंबाकू की बिक्री नहीं होने होने को लेकर शपथ पत्र भी देना था, लेकिन कई संस्थानों ने ऐसा नहीं किया है।नोडल अधिकारी डा सुनील दोहरे का कहना है कि जिला अस्पताल, शारदा मेडिकल कालेज, सीएमओ कार्यालय, होम्योपैथी कार्यालय, महिला थाना समेत शहर के विभिन्न स्कूलों, कालेजों और स्वास्थ्य केंद्रों में तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में रैली, पोस्टर पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया।
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