नोएड। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा गया है। तीन कंपनियों में से एयरपोर्ट निर्माण के लिए टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड का चयन किया गया है। कंपनी एयरपोर्ट का टर्मिनल बिल्डिंग, एयर ट्रेफिक कंट्रोल टावर, रनवे समेत अन्य सुविधाओं का निर्माण एवं विकास करेगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य सितंबर 2024 तक पूरा होना है। एयरपोर्ट के पहले चरण में एक रनवे का निर्माण होगा। 1334 हेक्टेयर अधिग्रहीत जमीन की चारदीवारी का काम पूरा हो चुका है। प्रयागराज कुंभ से पहले एयरपोर्ट पर इसी कंपनी ने 11 माह में रनवे तैयार कर दिया था।
कोड ई होगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कोड ई श्रेणी का होगा। इसलिए एयरपोर्ट पर ऐसे विमानों का संचालन होगा, जिनके पंखों का फैलाव अधिकतम साठ मीटर होगा। हालांकि 75 मीटर तक पंखों के फैलाव वाले विमान के हिसाब से इसे बनाया जाएगा
45 मीटर होगी रनवे की चौड़ाई
पहले चरण में नोएडा एयरपोर्ट के एक रनवे का निर्माण होगा। जिसकी लंबाई 3900 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। 2024 से इसी रनवे से यात्री के लिए सेवाएं शुरू हो जाएंगी। एक साल में एयरपोर्ट से 50 यात्रियों के यात्रा करने का अनुमान है।
5730 करोड़ का होगा पहला चरण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण की लागत 5730 करोड़ रुपये होगी। पूरी योजना करीब तीस हजार करोड़ की है। टर्मिनल बिल्डिंग तीन लेवल होगी। एक से आगमन व दूसरे से प्रस्थान होगा। तीन एप्रोच टैक्सी वे होंगे। टर्मिनल बिल्डिंग को एक करोड़ बीस लाख यात्री क्षमता के हिसाब से बनाया जाएगा। घरेलू के लिए दस, अंतरराष्ट्रीय के लिए दो गेट होंगे। इसके अलावा दस इमीग्रेशन काउंटर होंगे। 48 जांच केंद्र होंगे।
पानी शोधन के लिए होगा प्लांट
नोएडा एयरपोर्ट पर पानी शोधन के लिए 2.8 एमएलडी का प्लांट होगा। जबकि सीवेज ट्रीटमेंट प्लान की क्षमता 6.2 एमएलडी होगी। पांच कूलिंग टावर बनाए जाएंगे। एयरपोर्ट को बिजली आपूर्ति के लिए 220 केवी सब स्टेशन होगा। बैकअप के लिए इतनी ही क्षमता का डीजल जनरेटर सेट भी होगा।
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