ग्रेटर नोएडा (कपिल कुमार)
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए बच्चे और अभिभावक लगातार स्कूल और बीएसए ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं लॉटरी के आधार पर लिस्ट में नाम आने के बाद भी प्राइवेट स्कूल एडमिशन नहीं दे रहे हैं ऐसे लगभग 60 निजी स्कूल है बेसिक शिक्षा अधिकारी के बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी निजी स्कूलों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, निजी स्कूल आजकल शिक्षा के मॉल बन चुके हैं
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन सत्र 2022- 23 के लिए पहली लिस्ट में लॉटरी के आधार पर 3399 बच्चों का चयन हुआ था वहीं दूसरी लिस्ट में 1650 बच्चों का चयन हुआ था और तीसरी लिस्ट के लिए आज फार्म भरने की आखिरी तारीख है लेकिन अभी तक पहली और दूसरी लिस्ट के बच्चों के ही एडमिशन निजी स्कूलों ने नहीं लिए, क्या स्कूल विभाग से बड़े हो गए हैं, शिक्षा विभाग की कार्यवाही का उन्हें कोई डर नहीं है कैसे पढ़ेंगे गरीब बच्चे?
“आरटीई के तहत चयनित बच्चों का दाखिला ने लेने पर 59 स्कूलों पर कार्रवाई के लिए नोटिस भेजा गया था, और फिर स्कूलों पर कार्यवाही के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को भेजा गया है” ऐश्वर्या लक्ष्मी (बीएसए)
“कार्यवाही के लिए स्कूलों की केवल लिस्ट दी गई है जबकि बच्चों का कोई भी ब्यौरा नहीं दिया गया है ऐसे में जब तक पूरी शिकायत नहीं मिल जाती तब तक कार्यवाही नहीं की जा सकती” धर्मवीर सिंह (जिला विद्यालय निरीक्षक)
जिले के शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्य आजू बाजू में है लेकिन उसके बावजूद भी यह लोग मिलकर स्कूलों पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं इसके पीछे क्या कारण है? की स्कूलों को किसी भी कार्यवाही का कोई डर नहीं है और वह गरीब बच्चों का एडमिशन नहीं ले रहे हैं, बच्चों की कक्षाएं छूट रही है और एडमिशन का टाइम निकल रहा है लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक एक दूसरे की कमियां निकालने में लगे हैं
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