ग्रेटर नोएडा (कपिल कुमार)
गौतम बुध नगर का शाहबेरी गांव अवैध निर्माणों का गढ़ बन चुका है आए दिन यहां जमीन से जुड़े नए-नए घोटाले उजागर होते हैं हाल ही में एक नया घोटाला उजागर हुआ है शाहबेरी में करीब 2:15 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति पर लगभग 400 से ज्यादा फ्लैट बना कर के बेच दिए गए हैं भू माफियाओं ने शत्रु संपत्ति को भी नहीं छोड़ा अधिकारियों के साथ मिलकर के इमारतें खड़ी कर दी गरीब और भोली भाली जनता को यह फ्लैट बेच दिए गए अब सीबीआई ने इस मामले एक आरोपी पर मामला दर्ज किया है
शाहबेरी में 3 बड़े भूखंड शत्रु संपत्ति के नाम से दर्ज है इनमें पहला भूखंड 0.240 हेक्टेयर, दूसरा 0.390 हेक्टेयर, और तीसरा 1.5560 हेक्टेयर का है भूलेख विभाग में दादरी तहसील के अंतर्गत यह तीनों संपत्तियों का जिक्र शत्रु संपत्ति के तौर पर है
जाने क्या होती है शत्रु संपत्ति
एक सरकारी वेबसाइट के अनुसार शत्रु संपत्ति में उस संपत्ति को शामिल किया जाता है जो 10 सितंबर 1965 से 26 सितंबर 1977 तक की अवधि में किसी शत्रु व्यक्ति या शत्रु कंपनी के नाप पर रही थीं। इन्हें शत्रु संपत्ति नियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार शत्रु संपत्ति के रूप में माना जाता है। नियमों के अनुसार शत्रु संपत्ति को ने तो खरीदा जा सकता है और ना ही बेचा जा सकता है इसके अलावा शत्रु संपत्ति की रजिस्ट्री भी नहीं कराई जा सकती है
शत्रु संपत्तियों पर बने फ्लैटों को लगभग 400 से ज्यादा परिवारों ने खरीद रखा, अब सवाल यह है जमीन संपत्ति को खरीदा बेचा नहीं जा सकता है और ना ही इनकी रजिस्ट्री हो सकती है तो फिर यह सैकड़ों फ्लैट कैसे बेच दिए गए, क्या जिला प्रशासन को इनकी कोई भनक नहीं लगी, जांच का विषय है कि किन-किन अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब खेल हुआ है आखिर भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद कैसे हुए, खुलेआम गरीब लोगों को लूटा जा रहा है
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