इस्लामाबाद।आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अपने देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 1.7 अरब डॉलर की अहम किश्त जल्द से जल्द जारी कराने के लिए अमेरिका से मदद मांगी है। कई सरकारी अधिकारियों के अनुसार, जनरल कमर जावेद बाजवा ने अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन के साथ इस मामले पर चर्चा की और अमेरिका से पाकिस्तान की मदद के लिए आईएमएफ में अपने प्रभाव का उपयोग करने की अपील की। सेना प्रमुख द्वारा इस तरह की अपील किया जाना दुर्लभ है। मुख्य रूप से अफगानिस्तान के मुद्दे के कारण अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में हालिया वर्षों में तनाव पैदा हो गया है। विशेष रूप से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण रहे।
इमरान खान को अप्रैल में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बाहर कर दिया गया था। बहरहाल, पाकिस्तान की सेना, जिसने अपने 75 साल के इतिहास के आधे से अधिक समय तक देश पर सीधे शासन किया है, ने अमेरिका के साथ मिलकर काम किया है और अल-कायदा के खिलाफ आतंकवाद से युद्ध में वह एक आधिकारिक सहयोगी थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि बाजवा और शरमन ने बात की थी। मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार ने कहा, ‘‘बातचीत हो चुकी है, लेकिन इस स्तर पर मुझे यह स्पष्ट जानकारी नहीं है कि इस दौरान क्या बात हुई।’’ अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर शनिवार को एसोसिएटेड प्रेस (एपी) से कहा कि चर्चा आईएमएफ ऋण पर केंद्रित थी। पाकिस्तान और आईएमएफ ने मूल रूप से 2019 में बेलआउट समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन 1.7 अरब डॉलर की किश्त पर इस साल की शुरुआत से रोक लगी है। दरअसल आईएमएफ ने खान के शासन में समझौते की शर्तों के अनुपालन को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
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