मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) पिछले पांच माह में देशभर में छापेमारी कर 1218 किलोग्राम मेफेड्रोन (एक प्रतिबंधित सिथेटिक्स दवा) पकड़ चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस ड्रग्स की कीमत करीब 2435 करोड़ रुपये है। पुलिस ने सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो रसायन विज्ञान में स्तनाकोत्तर हैं। एक आरोपित ने पिछले दो साल में तीन हजार करोड़ से अधिक की मेफेड्रोन बेची है। 15 से अधिक फ्लैट उसने खरीद हैं।
एंटी नारकोटिक्स सेल के अनुसार, इस साल मार्च में गोवंडी के शिवाजी नगर निवासी शमशुल्लाह खान को साढ़े 37 लाख रुपये की 250 ग्राम मेफेड्रोन के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद गहन जांच शुरू हुई। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शिवाजी नगर, पालघर और अंबरनाथ क्षेत्र से एक महिला समेत तीन आरोपितों को पकड़ा गया। इनमें अयूब शेख, रेशमा चंदन और रियाज मेमन शामिल थे। इस दौरान पालघर जिले के नालासोपारा से 700 किलो से अधिक मेफेड्रोन पकड़ी गई।
पुलिस उपायुक्त दत्ता नलवाडे ने बताया कि वहां पकड़े आरोपित की पहचान प्रेमप्रकाश सिंह के रूप में हुई, जोकि आर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट है। वह अपनी इस दक्षता का इस्तेमाल मेफेड्रोन के लिए केमिकल बनाने में कर रहा था। जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि प्रेमप्रकाश विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं को मेफेड्रोन बेचता था। पिछले दो वर्षों में उसने तीन हजार करोड़ की डेढ़ टन मेफेड्रोन की बिक्री की है।
सिंह द्वारा भारी मात्रा में बेची गई मेफेड्रोन को देखते हुए एएनसी के अधिकारियों ने उसकी खरीदी संपत्तियों का विवरण एकत्र करना शुरू किया तो सामने आया कि उसके पास मुंबई उपनगरों और आस-पास के शहरों में लगभग 15 फ्लैट हैं। इसके अलावा उसे छह अलग-अलग खातों में करीब पांच करोड़ रुपये जमा है। अधिकारी ने कहा कि अभी जांच जारी है और संदेह है कि उसके पास कुछ बेनामी संपत्तियां भी हो सकती हैं। बीते रोज मुंबई एएनसी ने गुजरात के अंकलेश्वर से 513 किलो मेफेड्रोन पकड़ी थी। मुंबई और आसपास के इलाकों में ड्रग तस्करों को इसकी आपूर्ति की जानी थी।
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