नई दिल्ली। दिल्ली के एम्स में भर्ती देश के मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव लगातार 15वें दिन (बृहस्पतिवार) को भी होश में नहीं आए हैं। राजू श्रीवास्तव 10 अगस्त को भर्ती कराने के साथ ही लगातार बेहोश हैं और नाजुक स्थिति को देखते हुए लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर पर रखा गया है।
इस बीच ताजा जानकारी मिल रही है कि दिल्ली के जिम में वर्कआउट के बाद हार्ट अटैक के बाद बेहोश हुए राजू श्रीवास्तव कोमा में जा चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती राजू श्रीवास्तव अब भी कोमा में हैं। इस बीच जागरण संवाददाता राहुल चौहान के मुताबिक, राजू का ब्रेन बिल्कुल भी प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है। हालांकि, हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है।
न्यूरोफिज़ियोथेरेपी की मदद से चल रहा इलाज
एम्स सूत्रों के अनुसार, हार्ट अटैक के बाद संभवतया गिरने से ही राजू श्रीवास्तव दिमाग की एक नस ब्लॉक हो गई है। इसके चलते ही वह कोमा में हैं। इसके लिए ही न्यूरोफिज़ियोथेरेपी (Neurophysiotherapy) की मदद ली जा रही है। बता दें कि देश के जाने माने विशेषज्ञ डा. नीतीश नायक के नेतृत्व में राजू श्रीवास्तव का इलाज किया जा रहा है।
कोमा की स्थिति में हैं राजू श्रीवास्तव
ठीक एक सप्ताह पहले 16 और 17 अगस्त की मध्य रात्रि को राजू श्रीवास्तव के दिमाग का सीटी स्कैन किया गया था, जिसके बाद कहा गया था उनके दिमाग में पानी भर गया है। इसके बाद उनके कोमा में जाने और निधन तक की खबरें भी सोशल मीडिया पर आई थीं।
सुनील पाल ने सबसे पहले बताई थी कोमा वाली बात
सबसे पहले कॉमेडियन सुनील पाल ने दावा किया था कि राजू श्रीवास्वत कोमा में चले गए हैं। यह दावा उन्होंने परिवार के सदस्यों से बातचीत के आधार पर किया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या राजू श्रीवास्तव 16 अगस्त से ही कोमा हैं, जिसकी जानकारी राजू श्रीवास्तव के परिवार को है, लेकिन फैंस को नहीं?
ब्रेन नहीं कर रहा है ठीक से काम
एम्स के डाक्टरों की मानें तो राजू श्रीवास्तव का हार्ट समेत अन्य अंग काम कर रहे हैं, सिर्फ ब्रेन ठीक से काम नहीं कर रहा है। उनके शरीर का संक्रमण भी पूरी तरह से खत्म हो चुका है और उनका शरीर पूरी तरह से काम कर रहा है, सिवाय ब्रेन के। इसके लिए ही अब न्यूरो फीजियोथेरेपी की मदद ली जा रही है।
हटाया जा सकता है राजू श्रीवास्तव का लाइफ सपोर्ट सिस्मट
हास्य कलाकार सुनील पाल का कहना है कि अगर राजू श्रीवास्तव के स्वास्थ्य में सुधार की गति यही रही तो उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर से हटाया जा सकता है।
क्या होता है कोमा?
मस्तिष्ट में अचानक चोट लगन के कारण कोमा स्थिति पैदा हो जाती है। यह वह स्थिति होती है जब मरीज पूरी तरह जीवित होता है, लेकिन लगता है कि वह सो रहा है। कहने का मतलब वह सचेत नहीं रहता है। मस्तिक पर गंभीर रूप से चोट लगने पर ब्रेन पर अधिक दबाव पड़ जाता है। कई बार ब्रेन में चोट लगने से अधिक खून निकलने, ऑक्सीजन की कमी और सिर में जहरीले पदार्थों के जमा होने के कारण कोमा की स्थिति बन जाती है। कभी कभी अल्पकालिक तो कभी-कभी लंबे इलाज के बाद मरीज के कोमा से बाहर आने की स्थिति बन पाती है।
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