प्राधिकरण के महत्वपूर्ण दस्तावेज लीक करने के भी आरोप हैं?
ग्रेटर नोएडा। कपिल कुमार
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आए दिन नये कारनामें देखने को मिलते हैं कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो कि अपनी जेब भरने के लिए प्राधिकरण को किसी भी स्तर पर नुकसान पहुंचाने के लिए अमादा है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ऐसे ही कर्मचारी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसके कारनामे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
ग्राम खेड़ी का खसरा संख्या 681 में क्षेत्रफल 0.4190 हेक्टेयर था। जिसमें एक किसान यशपाल शर्मा आधे भाग का मालिक था और उसने अपने हिस्से में से 1337 वर्ग मीटर जमीन अरविंद शर्मा को पहले ही विक्रय कर दी थी। जिसके बाद किसान यशपाल शर्मा के पास मात्र 758 वर्ग मीटर भूमि ही बची थी लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सर्वे अमीन राकेश बड़ौनी द्वारा किसान को 2095 वर्ग मीटर भूमि का मुआवजा दे दिया। जिसमें प्राधिकरण को 4679500 की आर्थिक क्षति पहुंची। उसके बाद जब शिकायत हुई और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अमीन पर कार्यवाही शुरू हुई उसके पश्चात किसान द्वारा अतिरिक्त मुआवजा प्राधिकरण के खाते में जमा कराए गए।
सूत्रों बताते है कि चिटहेरा डीएमआईसी परियोजना के लिए अधिग्रहण की गई भूमि में भी सर्वे अमीन राकेश बड़ौनी पर भ्रष्टाचार के आरोप है जिसमें राकेश बड़ौनी पर आरोप थे कि डीएमआईसी परियोजना की परिधि के बाहर जाकर भी जमीन अधिग्रहण की गई और कुछ ऐसी जमीन भी अधिग्रहण की गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगनादेश जारी किया गया था।
जिसके बाद सर्वे अमीन राकेश बरौनी को 23 फरवरी 2022 को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन कोर्ट से स्टे लेने के बाद आज भी प्राधिकरण में है कार्यरत है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूमि विभाग में ऐसा ही एक कर्मचारी और है जोकि संविदा पर कार्यरत है जिसे ये दोनों मिलकर के अनियमितताओं को बढ़ावा देते है। बताया जाता है कि वह प्राधिकरण के बड़े अधिकारी के पीए का रिश्तेदार है और उन्हीं के रसूख के दम पर भूमि विभाग में अपना होल्ड जमाना चाहता है उस पर प्राधिकरण के महत्वपूर्ण दस्तावेज लीक करने के भी आरोप हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इनकी जाँच करा कराये। जो कर्मचारी प्राधिकरण को नुकसान पहुंचाने पर आमादा है। ऐसे कर्मचारीओ को तुरंत प्राधिकरण से बाहर किया जाए।
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