ग्रेनो प्राधिकरण के अधिकारियों के कार्यालय के शीशे होने चाहिए पारदर्शी, हटानी चाहिए फिल्म।

यूपी बोर्ड में कक्षा 7 या 8 में एक कहानी थी पर्दा, अब आम आदमी और किसान भी देखने चाहते हैं कि पर्दे के पीछे होता क्या है, तो गिरा दिया जाए पर्दा, किसान और आम आदमी से किस बात का पर्दा ।

ग्रेटर नोएडा (कपिल कुमार)

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बहुत भव्य कार्यालय बना हुआ है जिसका निर्माण ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से कराया था। बिल्डिंग में अधिकारियों के भव्य और शानदार ऑफिस बने हुए हैं और यह जरूरी भी है कि कार्यालय अच्छे होने चाहिए। लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में एक चीज ऐसी है जो वहां अपने काम से अधिकारियों से मिलने के लिए आने वाले लोगों को खटकती है वह है कार्यालयों के शीशों पर चढ़ी फिल्म जिससे यह पता नहीं लगता कि अधिकारी अंदर है या नहीं अगर है तो क्या सच में मीटिंग चल रही है, या अर्दली मिलने नहीं दे रहे हैं?

कार्यालयों के शीशे होने चाहिए पारदर्शी (ट्रांसपेरेंट)

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अंदर जितने भी कार्यालय बने हुए हैं सभी के शीशों पर फिल्म चढ़ी हुई है। जिससे आर पार का कुछ भी दिखाई नहीं देता है जब अधिकारी अंदर काम करने के लिए बैठे हैं और लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए बैठे हैं तो फिर पर्दा किस बात का, प्राधिकरण में आने वाले लोगों को भी दिखना चाहिए कि अधिकारी काम कर रहे हैं या अंदर मीटिंग चल रही है अधिकारियों को काम करता देख आने वाले लोगों को संतुष्टि होगी, जो पैसा टैक्स के रूप में इनकी सैलरी के लिए जा रहा है उसका सही उपयोग हो रहा है इसलिए कार्यालयों के शीशे पारदर्शी होने जरूरी है।

किसान और आम लोगों में जो गलत धारणा प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ बन चुकी है वह दूर हो सकती है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ किसान, आवंटी और आम आदमी की यह धारणा बन चुकी है कि प्राधिकरण के अधिकारी काम नहीं करते हैं सिर्फ दलालों के साथ मीटिंग होती रहती है तो उनकी यह धारणा दूर हो सकती है अगर शीशे पारदर्शी होंगे, वह अपने अधिकारी को काम करते हुए देख सकते हैं और अपनी बारी का शांति से इंतजार करेंगे।

जिस कार्यालय में किसान और आम आदमी का रोजाना का काम होता हो, उस कार्यालय के अधिकारी के कमरे में गेट भी नहीं होना चाहिए। जिससे की आम आदमी की एंट्री सीधी हो, वह अपनी बात सीधे अधिकारी के सामने रख सके। जिसे नीचे वाले अधिकारी में भी यह डर होगा कि अगर मैंने इस व्यक्ति का काम नहीं किया तो, सीधा बड़े अधिकारी से मिल सकता है जाकर के और हमारी शिकायत कर सकता है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नई सोच के साथ प्राधिकरण में काम कर रहे हैं उनके पूर्व में लिए गए फैसले से प्राधिकरण में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं उम्मीद करते हैं कि शीशे पारदर्शी करने की तरफ भी कदम बढ़ाएंगे, कार्य में पारदर्शिता का एक उदाहरण पेश करेंगे।

कार्यालय के शीशे पर फिल्म।

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