ग्रेनो प्राधिकरण में हुऐ सुनियोजित भर्ती घोटाले में सबूतों के आधार पर शुरू हुई जांच, अब देखना होगा कि जांच कि आँच कहां तक पहुंचती है।

शिकायतकर्ता ने जांच समिति को सौंपी लिखित में सारे सबूत की फ़ाइल।

ग्रेटर नोएडा। कपिल कुमार

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में काफी दिनों से चल रही सुनियोजित फर्जी नियुक्ति घोटाले की जांच अब आरोप-प्रत्यारोप से हटकर सबूत के आधार पर शुरू हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बड़े स्तर पर परिवारवाद फैल रहा है जोकि प्राधिकरण के भविष्य के लिए सही नहीं है अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने सुनियोजित फर्जी नियुक्ति की जांच करते हुए तीन अफसरों की एक कमेटी गठित की है इसी कमेटी की अध्यक्ष अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा ने शिकायतकर्ता से मुलाकात की और शिकायतकर्ता राजेंद्र नागर और आकाश त्यागी से सबूत के तौर पर उनके बयान दर्ज कराएं और साथ ही लिखित में जो भी पर्याप्त सबूत उनके पास थे उन सभी को जांच में सम्मिलित कर लिया गया है।

पोर्टल के माध्यम से ज्यादातर भर्तियां परिवारवाद से हुई है

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में हर दूसरा या तीसरा आदमी किसी नेता, अधिकारी, ठेकेदार का बेटा, भतीजा या रिश्तेदार है बड़े और करोड़पति नेताओं के बेटे भतीजे भी आपको प्राधिकरण में कुछ हजार की सैलरी पर काम करते हुए मिल जायेंगे। पोर्टल के माध्यम से ज्यादातर भर्तियां योग्यता को दरकिनार करते हुए की गई है मानो ऐसा लगता है अधिकारियों ने मिल बांट कर के अपने परिवार के बच्चों को प्राधिकरण में नौकरियों पर रख लिया है जिसका ज्यादा प्रभाव उसके ज्यादा जिसका कम प्रभाव उसके कम बच्चे नौकरी पर रखें गए।

मेरा अगर कोई रिश्तेदार प्राधिकरण में होता तो में भी आज प्राधिकरण में ही नौकरी कर रहा होता। आकाश त्यागी

शिकायतकर्ता आकाश त्यागी का कहना है कि प्राधिकरण में पोर्टल के माध्यम से हुई भर्तियों में खूब धांधली चली, सभी नियमों को ताक पर रखकर यह भर्तियां की गई. मैंने भी अप्लाई किया था इंटरव्यू के लिए गया था लेकिन अधिकारी ने बिना मेरी बात सुने मुझे बाहर कर दिया और मुझसे कम योग्यता वालों को उनके रिश्तेदार और पैसे के प्रभाव के कारण नौकरी पर रख लिया। शिकायतकर्ता आकाश त्यागी ने यह भी आरोप लगाए हैं कि नौकरियों एवज में 5 से 10 लाख तक रिश्वत भी ली गई है।

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