शासन की सख्त चेतावनी के बाद भी उन पर कोई असर नहीं हुआ।
ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार
सुपरमैन शब्द का इस्तेमाल हमने यहां इसलिए क्या है जिस तरह हमने फिल्मों में देखा है कि एक सुपर मैन कई गई कामों को एक साथ कर देता है उसी तरह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भी एक अधिकारी कई कई कामों को एक साथ कर रहा है। कहने को तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ऐसे बहुत अधिकारी है जिनको एक साथ डिवीजन या दो विभागों का चार्ज कुछ समय के लिए दे दिया जाता है। लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में एक ऐसा अधिकारी भी है जो पिछले काफी समय से तीन से चार महत्वपूर्ण विभागों को एक साथ संभाले हुए हैं एक अधिकारी पर इतना भरोसा क्यों? क्या यह अधिकारी सुपरमैन है जो एक साथ इतने काम संभाल सकता हैं।
एक अधिकारी, एक विभाग
अगर किसी अधिकारी के पास एक से ज्यादा विभागों के चार्ज होते हैं तो वह अपनी क्षमताओं के अनुरूप कार्य नहीं कर पाते हैं। हर विभाग में जिस तेजी से काम होना चाहिए उस तेजी और सतर्कता के साथ काम नहीं हो पाता है। इसीलिए एक अधिकारी को लंबे समय तक तीन से चार विभागों का चार्ज नहीं दिया जाना चाहिए एक व्यक्ति पर एक ही विभाग का काम होना चाहिए। तभी किसी विभाग का कार्य सुचारु रुप से चल सकता है।
कुछ अधिकारियों को ट्रांसफर पोस्टिंग से बचने के लिए मिली हुई है लाइफ लाइन?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कुछ अधिकारी अभी भी ऐसे बचे हुए हैं जिनका ट्रांसफर काफी समय पहले हो चुका था। लेकिन उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को नहीं छोड़ा शासन से बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ही जमे रहे। बताया जाता है कि शासन की सख्त चेतावनी के बाद भी उन पर कोई असर नहीं हुआ फिर भी उन्होंने अपनी नई नियुक्ति पर ज्वाइन नहीं किया। क्या उनके पास ट्रांसफर पोस्टिंग से बचने कि कोई लाइफ लाइन है जिसका इस्तेमाल कर वह इससे बच रहे हैं।