नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की न्यायिक व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली की न्यायिक व्यवस्था की मूलभूत सुविधाएं देश मे सबसे बेहतर है। इसे बेहतर बनाने के लिए पिछली सरकारों ने भी काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार आने से पहले 500 करोड़ का फंड मिलता था, पिछले साल 1500 करोड़ का फंड दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस फंड में और बढ़ोतरी की जरूरत है।
ज्यूडिशरी के लिए CM केजरीवाल का प्रस्ताव
अरविंद केजरीवाल ने ज्यूडिशरी को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि केंद्र और सुप्रीम कोर्ट एक साथ है। इसके अलावा उन्होंने सिविल और क्रिमिनल मामले को लेकर नए प्रस्ताव की भी बात कही। उन्होंने कहा कि सिविल और क्रिमिनल कोई भी मामला छह महीने से ज्यादा नहीं चलना चाहिए। इसके लिए जो भी फंड चाहिए वह दिल्ली सरकार की ओर से दिया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि इसे दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया जाना चाहिए।
PM मोदी ने किया ई-कोर्ट प्रोजेक्ट लॉन्च
बता दें कि न्यायिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के प्रयास लंबे समय से किए जा रहे थे। बीते दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने E-Court Project लॉन्च किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न एप और वेबसाइट्स के जरिए न्यायिक व्यवस्था सरल करने की पहल की गई थी। इन एप्स और वेबसाइट्स से न्याय प्रणाली को सस्ती, सुलभ, किफायती और नागरिकों के लिए पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई थी। सरकारों के इन प्रयासों से न्याय प्रणाली में लोगों का विश्वास और भी बढ़ता जाता है।
बता दें कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर कई लोगों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आती है। कई NGO और थिंक टैंक दावा करते है भारत की न्यायिक व्यवस्था में कई बदलाव किए जाने की आवश्यकता है। वहीं, कई लोगों का मानना है कि भारत की Judiciary में बड़े बदलाव की जरूरत नहीं है।
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