नोएडा। गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र में हुई 44 लाख की लूट को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने नोएडा के फेज दो कोतवाली क्षेत्र स्थित गेझा से चोरी हुई बाइक का इस्तेमाल किया है।
हैरानी की बात यह है कि नोएडा से 16 दिसंबर को चोरी हुई बाइक से 19 दिसंबर को बदमाशों ने गाजियाबाद में लूट की और नोएडा में बाइक चोरी का मुकदमा गाजियाबाद में लूट होने के बाद दर्ज किया गया। फेज दो कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही बरती।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई बाइक चोरी की वारदात
बाइक चोरी के पांच दिन बाद रिपोर्ट तब दर्ज की गई जब बाइक के मालिक अमित कुमार को तलाशते हुए गाजियाबाद पुलिस नोएडा पहुंची। बाइक के मालिक से संपर्क किया तो उसने बताया कि उसकी बाइक चोरी हो गई है और चोरी की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है। तब जाकर गाजियाबाद पुलिस को यकीन हुआ कि अमित निर्दोष है उसकी बाइक चोरी हो चुकी है।
दरअसल, वाहन चोरी की घटनाओं का मुकदमा लिखने में नोएडा कमिश्नरेट पुलिस लापरवाही बरतती है। इसका ताजा उदाहरण अब प्रकाश में आ गया है जब गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर दो जिलों के बीच एक ही घटना को लेकर कनेक्शन जुड़ा है। सूत्रों ने दावा किया है कि नोएडा से चोरी हुई अमित की जिस बाइक से गाजियाबाद में लूट की घटना को अंजाम दिया गया, उसको बरामद कर लिया गया है।
स्क्रैप व्यापारी से हुई थी 44 लाख की लूट
सूत्रों ने बताया कि गाजियाबाद में स्क्रैप व्यापारी फरमान से 44 लाख की लूट करने के बाद बदमाश जब भागे तो घटना में इस्तेमाल अमित की चोरी हुई बाइक स्टार्ट नहीं हुई। बदमाश बाइक को लावारिश हालत में छोड़ कर फरार हो गए। अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवि शंकर छवि ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है कि बाइक चोरी का मुकदमा लिखने में देरी क्यों की गई।
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