ग्रेटर नोएडा। अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के दौरान संक्रमण से स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टरों के द्वारा पीपीई(पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट पहनी जाती है। हवा का संचार न होने के कारण किट पहनने के कुछ देर के अंदर ही डॉक्टर पसीने से तर-बतर हो जाते हैं।
डॉक्टरों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जीएल बजाज कालेज के युवा इंजीनियरों ने विशेष रूप से वेंटीलेटेड पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट किट तैयार की है। छात्रों ने अपने आइडिया का पेटेंट भी करा लिया है।
पीपीई किट पहनने के बाद डॉक्टर कोरोना के संक्रमण से तो सुरक्षित हो जाते हैं, लेकिन गर्मी व पसीने के कारण उनका हाल बेहाल हो जाता है। लगातार सामने आने वाली डॉक्टरों की परेशानी का निदान निकालने के लिए जीएल बजाज कालेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र हर्ष जायसवाल व गगन सिंह अपने मेंटर डा. विनोद कुमार यादव के साथ प्रयासरत थे। लगभग तीन से चार महीने की मेहनत के बाद उन्हें सफलता मिली। लगभग छह माह में उनके पेटेंट को स्वीकृति मिली।
किट में लगाया है हेपा फिल्टर
पीपीई किट पहनने के बाद छात्रों ने डॉक्टरों की परेशानी को स्वयं महसूस किया। छात्रों ने पाया कि किट पहनने के कुछ देर के अंदर ही शरीर में पसीना हो गया। गर्मी व पसीने के कारण उलझन बढ़ने लगी। समस्या से स्वयं रूबरू होकर छात्र उसका निदान तलाशने के प्रयास में जुट गए। मेंटर विनोद कुमार यादव ने बताया कि किट में एक हेपा फिल्टर लगाया गया है। फिल्टर के माध्यम से स्वच्छ हवा किट के अंदर प्रवेश करती है।
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