एक क्लिक पर जाने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 128वीं बोर्ड में लिए गए निर्णय।

  • फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने को ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड ने खोला राहत का पिटारा
  • बिल्डर्स भूखंडों पर टाइम एक्सटेंशन चार्जेस में भी बोर्ड ने दी राहत
  • अब एफएआर परचेज करने पर संशोधित मैप पर दो तिहाई बायर्स की सहमति जरूरी
  • ग्रेनो की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगी फसाड लाइटें
  • अस्तौली में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े से बनेगी सीएनजी
  • अब ग्रेनो में भी पालतू कुत्ते-बिल्ली का पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य
  • डिपो से बोड़ाकी स्टेशन तक मेट्रो विस्तार को ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड की हरी झंडी
  • नोएडा एयरपोर्ट के लिए 453 करोड़ देने पर मुहर
  • ग्रेनो में भी बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की पॉलिसी तय

ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 128वीं बोर्ड बैठक बुधवार को नोएडा प्राधिकरण के सभागार में हुई। नोएडा-ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद कुमार की अध्यक्षता में नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह व उत्तर प्रदेश वित्त निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राज शेखर की मौजूदगी में कई अहम फैसले हुए। इस बोर्ड बैठक में ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह, प्रेरणा शर्मा, अमनदीप डुली व आनंद वर्धन, ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव संतोष कुमार, जीएम वित्त विनोद कुमार व आरके देव सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने को ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड ने खोला राहत का पिटारा

ग्रेटर प्राधिकरण बोर्ड ने फ्लैट खरीदारों को उनका आशियाना दिलाने के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है। लंबे समय से इंतजार कर रहे खरीदारों को पजेशन दिलाने के मकसद से रि-शेड्यूलमेंट पॉलिसी को लागू करने पर मंजूरी दे दी है। रि-शेड्यूलमेंट पॉलिसी 01 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2023 तक सिर्फ बिल्डर व वाणिज्यिक परियोजनाओं (ग्रुप हाउसिंग एवं स्पोर्ट्स सिटी) पर ही लागू होगी। इसका फायदा उन बिल्डरों को मिलेगा, जिन्होंने ऑक्यूपेंसी या कंपलीशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है।
घर खरीदारों की समस्या का हल निकालने और री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी को तय करने के लिए प्राधिकरण की तरफ से समिति बनाई गई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर री-शेड्यूलमेंट का प्रस्ताव बनाकर बोर्ड के समक्ष रखा गया। इसके अनुसार बकाया धनराशि का री-शेड्यूलमेंट सिर्फ दो वर्षों के लिए होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर छह माह पर ब्याज दर रिवाइज की जाएगी। आवंटी पर बकाया सभी तरह की धनराशि (मूल किस्त, अतिरिक्त प्रतिकर व लीज रेंट) को जोड़ते हुए कुल बकाया धनराशि पर ही री-शेड्यूलमेंट लागू होगा। रीशेड्यूलमेंट का पत्र जारी होने के एक माह के भीतर कुल बकाया धनराशि का 20 फीसदी जमा करना होगा। रीशेड्यूलमेंट के बाद भी अगर आवंटी की दो किस्तें डिफॉल्ट होती हैं तो प्राधिकरण आवंटन को बिना सूचना दिए निरस्त कर देगा।

बिल्डर्स भूखंडों पर टाइम एक्सटेंशन चार्जेस में भी बोर्ड ने दी राहत

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने फ्लैट खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए बिल्डर्स भूखंडों पर टाइम एक्सटेंशन चार्जेस (समय विस्तरण शुल्क) में भी राहत दे दी है। बोर्ड ने शुल्क में कमी के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है। साथ ही जितना निर्माण हो चुका है, उस पर अब टाइम एक्सटेंशन चार्जेस नहीं लगेंगे।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बिल्डर्स परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए अधिकतम 15 वर्ष तक सशुल्क समय देने और उसके बाद आवंटन निरस्त करने का प्रावधान है। वर्तमान समय में यह शुल्क दो तरह से लिया जाता है। पहला, प्रोजेक्ट के पार्ट कंपलीशन के लिए टाइम एक्सटेंशन लेने पर तीन साल बाद और 15 साल तक प्रति माह एक प्रतिशत (सालाना 12 प्रतिशत) शुल्क लिया जाता है। दूसरा, प्रोजेक्ट के पूर्ण कंपलीशन के लिए टाइम एक्सटेंशन लेने पर सात वर्ष के बाद आठवें वर्ष चार प्रतिशत, नौवें वर्ष छह प्रतिशत और 10वें वर्ष 8 प्रतिशत शुल्क लगता है। बिल्डर्स इस शुल्क का भार भी फ्लैट खरीदारों पर डाल देते हैं। क्रेडाई व नरेडको की मांग पर इन खरीदारों पर टाइम एक्सटेंशन चार्जेस का बोझ कम करने के लिए प्राधिकरण बोर्ड ने टाइम एक्सटेंशन चार्जेस में संशोधन किया है। अब पूर्ण कंपलीशन लेने पर सात वर्ष तक कोई शुल्क नहीं लगेगा। उसके बाद आठवें वर्ष एक प्रतिशत, नौवें वर्ष दो प्रतिशत, 10वषें वर्ष तीन प्रतिशत, 11वें वर्ष चार प्रतिशत, 12वें वर्ष पांच प्रतिशत, 13वें वर्ष 6 प्रतिशत, 14वें 7 प्रतिशत व 15वें वर्ष 8 प्रतिशत शुल्क लगेगा, जबकि पार्ट कंपलीशन के लिए टाइम एक्सटेंशन लेने पर तीन वर्ष बाद चौथे साल 1 प्रतिशत, पांचवें वर्ष दो, छठें वर्ष तीन और सातवें वर्ष 4 प्रतिशत शुल्क लगेगा। इसका फायदा 1.57 लाख खरीदारों को मिलेगा।

अब एफएआर परचेज करने पर संशोधित मैप पर दो तिहाई बायर्स की सहमति जरूरी

फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने एक अहम फैसला लिया है। अब अगर बिल्डर अनुमन्य एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) परचेज करता है तो उसे संशोधित मैप पर प्राधिकरण से स्वीकृति तब मिलेगी, जब वह दो तिहाई फ्लैट खरीदारों की सहमति पत्र निर्धारित प्रारूप में प्राधिकरण में जमा कराना होगा। अपार्टमेंट एक्ट 2010 में भी यह प्रावधान किया गया है। अगर प्रोजेक्ट इस एक्ट के लागू होने से पहले का है तो भी बिल्डर को दो तिहाई खरीदारों की सहमति देनी होगी। इसके बिना नक्शा पास नहीं होगा। इतना ही नहीं, बिल्डरों को फ्लैट खरीदारों की सूची भी प्राधिकरण को उपलब्ध करानी होगी। प्राधिकरण बोर्ड की मंशा है कि एफएआर परचेज करने के बाद बिल्डर मनमानी तरीके से उसे लागू न कर सके, इसके लिए खरीदारों से सहमति पत्र लेना जरूरी है।

ग्रेनो की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगी फसाड लाइटें

ग्रेटर नोएडा की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए फसाड लाइटें लगवाई जाएंगी। ये लाइटें नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, 130 मीटर रोड और 105 मीटर रोड पर स्थित बिल्डिंगों पर उनके मालिकों को खुद से लगानी होंगी। इस पॉलिसी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
ग्रेटर नोएडा देश के प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में उभरा है। यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर कई प्रमुख शहरों से बेहतर है। हरियाली और चौड़ी सड़कें यहां की पहचान है। सड़कों पर स्ट्रीट लाइटों की दुधिया रोशनी से यह शहर खूबसूरत लगता है। इस खूबसूरती में और इजाफा करने के लिए फसाड लाइटें लगवाने का निर्णय लिया गया है। ग्रेटर नोएडा की प्रमुख सड़कों, मसलन नोएडा एक्सप्रेसवे, 130 मीटर रोड, 105 मीटर रोड के किनारे स्थित बिल्डिंगों को रोशनी से जगमग कराया जाएगा। इसकी पॉलिसी पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मुहर लगा दी है।

अस्तौली में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े से बनेगी सीएनजी

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े से बायो सीएनजी बनाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल वाहनों में फ्यूल के रूप में होगा। ग्रेटर नोएडा के अस्तौली में लैंडफिल साइट बनाने को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इसी लैंडफिल साइट पर एनटीपीसी 500 टन प्रतिदिन क्षमता का चारकोल प्लांट लगाएगा, जिसका इस्तेमाल एनटीपीसी खुद से बिजली उत्पादन में करेगा।
नोएडा -ग्रेटर नोएडा में कूड़े का वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण के लिए अस्तौली में लैंडफिल साइट के लिए 134 एकड़ भूमि चिंहित की गई है। इसकी बाउंड्री भी बन चुकी है। ग्रेटर नोएडा से संपर्क मार्ग बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। इस साइट पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े को प्रोसेस किया जाएगा। नोएडा के कूड़े का निस्तारण करने के लिए 134 एकड़ में से 30 एकड़ भूमि नोएडा को दी गई है। इसकी कीमत करीब 64 करोड़ रुपये आंकी गई है। नोएडा प्राधिकरण इसका भुगतान ग्रेटर नोएडा को करेगा। इस साइट पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा का संयुक्त बायो सीएनजी प्लांट लगाया जाएगा। इसकी क्षमता 300 टन प्रतिदिन की होगी। प्लांट लगाने के लिए एवर इनवायरो के साथ नोएडा प्राधिकरण अनुबंध कर चुका है। इस प्लांट को लगाने के लिए ग्रेटर नोएडा की तरफ से सिर्फ जमीन लीज पर दी जा रही है। प्राधिकरण का कोई और खर्चा नहीं होगा। वहीं, एनटीपीसी भी इसी साइट पर 500 टन प्रतिदिन की क्षमता का चारकोल प्लांट लगाएगा। इसके लिए एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण का अनुबंध हो चुका है। इन दोनों प्लांट के लगने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा को कूड़े के उचित प्रबंधन न होने पाने की बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी।

अब ग्रेनो में भी पालतू कुत्ते-बिल्ली का पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य

नोएडा की तरह अब ग्रेटर नोएडा में भी पालतू कुत्तों-बिल्लियों आदि का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है, जबकि लावारिस कुत्तों से संबंधित नीति पहले से ही लागू है।
प्रस्ताव के मुताबिक पालतू कुत्ते, बिल्ली आदि रखने वाले व्यक्ति को एक माह के भीतर एप पर पंजीकरण कराना होगा। ऐसा न करने पर पेट ऑनर के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं, प्राधिकरण बोर्ड ने लावारिस कुत्तों के लिए नीति निर्धारित कर दी है। इसके अनुसार 10 या 10 से अधिक देसी लावारिस कुत्तों को सड़क या पशु शरणालयों से गोद लेने वाले परिवार को इनके पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। साथ ही एनिमल बर्थ कंट्रोल कैंपस में इनका नसबंदी व टीकाकरण भी निशुल्क किया जाएगा। डॉग फीडर को आरडब्ल्यूए व एओए की तरफ से पहचान पत्र भी दिये जाएंगे। इसके साथ ही स्ट्रीट डॉग्स के नसबंदी के समय प्राधिकरण की तरफ से नामित एजेंसियां सीरियल नंबर भी अंकित करेंगी।

डिपो से बोड़ाकी स्टेशन तक मेट्रो विस्तार को ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड की हरी झंडी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो रूट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर बुधवार को मुहर लगा दी है। अब यह डीपीआर शासन के जरिए भारत सरकार को भेजी जाएगी। इस प्रोजेक्ट को पीएम गति शक्ति से जोड़ते हुए वित्तीय सहायता प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का बननना है। यहां पर रेल, मेट्रो, अंतर्राज्यीय बस अड्डा व स्थानीय ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं विकसित होनी है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीत एक्वा लाइन मेट्रो का आखिरी स्टेशन डिपो है। यहां से बोड़ाकी तक मेट्रो का विस्तार होना है। इसे बनाने का जिम्मा नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एनएमआरसी) को दिया गया है। एनएमआरसी ने इसकी डीपीआर तैयार कर ली है। इसी डीपीआर पर बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने भी अपनी मुहर लगा दी है। डीपीआर के मुताबिक डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो रूट की लंबाई करीब 2.6 किलोमीटर होगी। इसे बनाने में करीब 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह रूट भी एलिवेटेड होगा। शुरुआत में चार कोच वाली मेट्रो चलाई जाएगी। बाद में जरूरत के हिसाब से इसे बढ़ाया जा सकता है। इस रूट के बनने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के निवासी मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से सीधे जुड़ जाएंगे। निवासियों को आगे के सफर के लिए ट्रेन या बस की सुविधा मिल सकेगी। अब इस परियोजना की डीपीआर को प्रदेश सरकार से अप्रूवल लेकर भारत सरकार को भेजा जाएगा।

नोएडा एयरपोर्ट के लिए 453 करोड़ देने पर मुहर

जेवर में निर्माणाधीन नोएडा एयरपोर्ट के द्वितीय चरण के विकास के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से 453 करोड़ रुपये का भुगतान और किया जाना है। प्राधिकरण इसका भुगतान चार किस्तों में करेगा। पहली किस्त करीब 113 करोड़ रुपये का भुगतान शीघ्र ही कर देगा। शेष धनराशि का भुगतान बैंकों से लोन प्राप्त कर करेगा। प्राधिकरण बोर्ड ने इस रकम को चार किस्तों में लोन लेकर भुगतान करने पर अनुमति प्रदान कर दी है। नोएडा एयरपोर्ट में उत्तर प्रदेष सरकार व नोएडा प्राधिकरण की अंशधारिता 37.5 – 37.5 फीसदी है जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व यमुना प्राधिकरण की अंशधारिता 12.5-12.5 फीसदी है। नोएडा एयरपोर्ट से 2024 में उड़ान शुरू कराने की तैयारी है।

ग्रेनो में भी बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की पॉलिसी तय

नोएडा की तरह ही ग्रेटर नोएडा में भी बहु मंजिला इमारतों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की रूपरेखा तय कर दी गई है। बहु मंजिला इमारतों में फ्लैट खरीदारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने बुधवार को इस पर हरी झंडी दे दी है।
दरअसल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में बहु मंजिला इमारतें बनी हुई हैं। इनमें रहने वाले निवासी बिल्डिंग की सेफ्टी के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग करते रहे हैं। इसे देखते हुए नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का फैसला लिया है। बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसकी पॉलिसी पर मुहर लगा दी है। इसके अनुसार स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए जल्द ही एक पैनल तैयार किया जाएगा, जिसमें आईआईटी, एनआईटी, सेंट्रल विवि, सीएसआईआर से संबंधित रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने से पांच साल तक बिल्डर के खर्च पर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। इससे अधिक समय बीतने पर एओए खर्च वहन करेगा। अगर किसी प्रोजेक्ट के 25 प्रतिशत आवंटियों द्वारा स्ट्रक्चरल डिफेक्ट्स की शिकायत की जाती है तो प्राधिकरण उस शिकायत का खुद से परीक्षण करेगा। इसके लिए प्राधिकरण की तरफ से समिति बना दी गई है। समिति के निर्णय के आधार पर ऑडिट कराने का फैसला लिया जाएगा। बिल्डर की तरफ से स्ट्रक्चरल ऑडिट न कराने पर प्राधिकरण नोटिस जारी कर एक माह में रिपोर्ट मांगेगा। अन्यथा की स्थिति में प्राधिकरण इंपैनल्ड कंसल्टेंट से ऑडिट कराकर इसका व्यय बिल्डर से वसूल करेगा। प्राधिकरण बहुत जल्द प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची तैयार करेगा।

  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर पॉलिसी को अडॉप्ट (अंगीकृत) कर लिया है। इससे अब ग्रेटर नोएडा में अब डाटा सेंटर बनाना और भी आसान हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने डाटा सेंटर के लिए आईटी-आईटीईएस के समान दरों पर मुहर लगा दी है।
  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने वेयर हाउसिंग व लॉजिस्टिक भूखंडों की मांग को देखते हुए शीघ्र ही योजना लाने की तैयारी कर शुरू कर दी है। प्राधिकरण बोर्ड ने इसे उद्योग की श्रेणी में रखते हुए पॉलिसी पर अपना अप्रूवल दे दिया है।
  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी नोएडा की भांति किसानों को आवंटित चार, पांच, छह, आठ व 10 फीसदी आवासीय भूखंडों पर भवन निर्माण में देरी पर लगने वाले विलंब शुल्क को काफी कम कर दिया है। अब विलंब शुल्क अधिकतम 12 प्रतिशत के बजाय अधिकतम पांच प्रतिशत ही लगेगा।
  • आबादी की लीज बैक के प्रकरणों में मूल किसान की मृत्यु हो जाने पर उनके वारिसान का नाम चढ़ाने की पॉलिसी पर भी प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बिल्डर, औद्योगिक संस्थागत, आईटी-आईटीईएस की वर्तमान व आने वाली योजनाओं के तय नियम शर्तों पर बोर्ड ने अप्रूवल दे दिया है।
  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में जल्द ही रिक्त प्लॉटों की योजना आएगी। इन भूखंडों का आवंटन ई ऑक्शन से करने के लिए प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।

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