ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार
ग्रेटर नोएडा का एक नाला है जिसने आस पड़ोस में रहने वाले लोगों की जिंदगी नर्क बना दी है। अब हम नाले को दोष दे या जिन लोगों पर नाले की साफ सफाई करने की जिम्मेदारी है उन लोगों को दोष दे। लेकिन उन अधिकारियों ने नाले के आस पड़ोस में रहने वाले लोगों को नाले से निकलने वाली जहरीली गैस और असहनीय बदबू में जीने के लिए मजबूर कर दिया है। नाले से निकलने वाली हानिकारक गैस और बदबू से लोग बीमार हो रहे हैं बच्चे और बुजुर्गों को बड़ी बीमारियां लगने का खतरा लगातार बना हुआ है वह रहने वाले लोगों का कहना है इस नाले की वजह से हमारे जिंदगी नरक बन चुकी है
कुछ माह पहले हुई थी नाले की सफाई
कुछ कहा पहले ही इस नाले की सफाई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यूपीएसआईडीए ने मिलकर कराई थी लेकिन अधिकारी और ठेकेदार ने मिलकर नाले की सफाई में भी घोटाला क्र दिया। सिर्फ खानापूर्ति के लिए नाले की सफाई की गई और पूरा पैसा डकार लिया गया। प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जांच करनी चाहिए। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी नाला साफ क्यों नहीं हो सका।
नाले के आसपास पड़ने वाले मकान खाली होने शुरू हो गए हैं या ज्यादातर खाली है। उन प्लॉट और मकानों के रेट करोड़ों में है लेकिन प्राधिकरण की उदासीनता के कारण लोग मकानों को छोड़ने के लिए मजबूर है। कम से कम नालो से तो घोटालों से दूर रखा जाए, इनकी सफाई तो इमानदारी से की जानी चाहिए।
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