साहब! हम भी इंसान हैं जानवर नहीं, पुलिस रोककर देती है गालियां; ऑटो चालकों ने बयां किया दर्द

गाजियाबाद। साहब! हम भी इंसान हैं जानवर नहीं। जब और जहां देखो पुलिस हमें रोक लेती है। पेट में डंडा घुसेड़ कर गालियां बकती है। ऑटो पर डंडे बजाती है। अपराधियों को जबरन आटो में बैठाकर अस्पताल व कचहरी ले जाती है। अन्य तमाम बेगारी कराती है। अब तो हमारे साथी की जान तक ले ली। हम अपराधी नहीं हैं बल्कि मेहनत करके अपने परिवार को पालते हैं। हमारे साथ जानवरों से भी बदतर सलूक क्यों होता है? सोमवार को आटो चालकों ने पुलिसिया उत्पीड़न का दर्द जब पुलिसवालों को सुनाया तो वह निरूत्तर हो गए।
ऑटो चालकों ने साथी धर्मपाल की मौत पर जताया आक्रोश
धर्मपाल की मौत की सूचना मिलने पर दर्जनों आटो चालक सुबह करीब आठ बजे ही शांति गोपाल अस्पताल पहुंच गए। ऑटो चालकों ने साथी धर्मपाल की मौत पर आक्रोश जताया। इस दौरान इंदिरापुरम कोतवाली प्रभारी देवपाल सिंह पुंडीर को घेरकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिसिया उत्पीड़न की पीड़ा सुनाई।
देवपाल सिंह पुंडीर व उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों के पास आटो चालकों के प्रश्नों का कोई जवाब नहीं था। उनके सवालों से बचने के लिए पुलिसकर्मियों ने बात घुमा दी। कहा कि यह समय इन बातों की चर्चा के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे पर बाद में बात की जाएगी।
अभी धर्मपाल के मामले को देखने दें, जबकि आटो चालक अपने प्रश्नों का उत्तर मांगते रहे। कहते रहे कि पुलिसिया उत्पीड़न का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है? इस मौके पर यदि इस मुद्दे पर बात नहीं की जाएगी तो कब होगी? बातें नहीं सुनी जाने पर आटो चालकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। उन्हें कठघरे में खड़ा किया।
गुस्से में स्वजन व आटो चालक
धर्मपाल की मौत की सूचना पर दर्जनों आटो चालक सुबह से ही शांति गोपाल अस्पताल पहुंचने लगे। आठ बजते-बजते दर्जनों आटो चालक यहां पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। अस्पताल के गेट में ताला बंद करने की कोशिश की। दोपहर 12 बजे तक सिर्फ इंदिरापुरम कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवपाल सिंह पुंडीर पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। अन्य किसी अधिकारी के न आने से स्वजन व आटो चालकों का गुस्सा बढ़ गया।
उन्होंने अस्पताल के पास सीआइएसएफ रोड जाम कर दी। हालांकि पांच मिनट में पुलिस ने उन्हें समझाकर जाम खुलवाया। दोपहर करीब ढाई बजे धर्मपाल की पत्नी व गांव के अन्य लोग पहुंच गए। उनकी पत्नी को रोती देखकर आटो चालक एक भी फिर आक्रोशित हो गए। उन्होंने फिर से सीआइएसएफ रोड पर जाम लगा दिया। करीब 20 मिनट तक रोड जाम रही।
दोपहर करीब तीन बजे पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन डा. दीक्षा शर्मा व सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह पहुंचे। उन्होंने स्वजन व आटो चालकों को समझाने की कोशिश की। शाम करीब साढ़े चार बजे उन्हें समझाकर प्रदर्शन समाप्त कराया। प्रदर्शन तो समाप्त हो गया, लेकिन देर रात तक लोग अस्पताल के गेट पर बैठे रहे।

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