- किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास : डॉ रूपेश वर्मा
- बेबुनियाद है पुलिस की एफ आई आर : एडवोकेट अनिल भाटी
- एफ आई आर से नहीं डरते किसान : किसान नेता
- मैंने एफ आई आर नहीं कराई : एसीओ अमनदीप डूली
ग्रेटर नोएडा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में मंगलवार को जनसुनवाई दिवस पर अपनी मांगों को लेकर पहुंचे किसानों पर एफ आई आर दर्ज की गई। एफ आई आर को लेकर किसानों व अधिवक्ताओं में आक्रोश है।
किसान नेता एडवोकेट डॉ रुपेश वर्मा ने बताया कि मंगलवार दिवस को जन सुनवाई के दौरान जब किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से मुलाकात करने गए तो पर्ची होने के बावजूद भी प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों से मिलने से मना कर दिया। गेट पर मौजूद गार्ड ने किसानों की अधिकारियों से मिलने की मांग को ठुकरा दिया। तब किसानों ने गार्ड से कहा कि आप एक तरफ हट जाइए और सभा कक्ष में बैठे अधिकारियों से मुलाकात की और मौके पर मौजूद एसीओ अमनदीप डूली और आनंद वर्धन को किसानों को हो रही समस्या के बारे में अवगत कराया। अधिकारियों ने जल्द ही समस्याओं का निस्तारण करने का वादा किया। लेकिन बृहस्पतिवार को हमें जानकारी मिली कि हमारे खिलाफ पुलिस में एफ आई आर दर्ज की है।
जब इस बारे में प्राधिकरण के अधिकारी अमनदीप डूली से पूछा कि क्या आप के निर्देशन पर एफ आई आर की गई है तो अधिकारी ने स्पष्ट कहा की एफ आई आर मैंने नहीं कराई है। साथ ही बताया कि में अभी एक मीटिंग में व्यस्त हूं इस मामले में ज्यादा बातचीत नहीं कर सकता।
जबकि इस मामले में एफ आई आर कराने वाले कैलाशपुर निवासी सिक्योरिटी गार्ड नरेंद्र भाटी ने बताया कि किसानों ने जन सुनवाई के दौरान अधिकारियों से भेंट करने की बात उनसे कही जब इस मामले में उसने अधिकारियों से पूछा तो अधिकारियों ने सभी किसानों से मिलने से इनकार कर दिया। मैंने अधिकारियों की बात किसानों को बताई लेकिन किसानों ने एक न सुनी और बिना परमिशन के वे अधिकारियों के सभा कक्ष में प्रवेश कर गए। इस दौरान उन्होंने मेरे साथी गार्ड श्रीचंद से धक्का-मुक्की भी की।
इस मामले को लेकर किसानों में काफी रोष है किसान नेता वीर सिंह और तेजपाल सिंह ने कहा कि कि जब से नई सीईओ आई है तब से किसानों के मिलने का कोई समय तय नहीं हो रहा है। किसानों से मिलने का कोई उपयुक्त स्थान भी प्राधिकरण ने नहीं बनाया है। जबकि इससे पहले सीईओ खुद सभाकक्ष में आकर किसानों की समस्या सुनते थे। इस मामले को लेकर जब किसान मंगल दिवस पर पहुंचे तो उनकी मांगे सुनने की जगह उन पर एफ आई आर की गई लेकिन किसान एफ आई आर से डरने वाले नहीं है प्राधिकरण जो उनके साथ तानाशाही का व्यवहार कर रही है उसके खिलाफ डटकर मुकाबला करेंगे।
इस मामले में पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 147 332 353 504 और 506 व आपराधिक कानून संशोधन 1932 सेक्शन 7 के तहत मामला दर्ज किया। जबकि अधिवक्ता अनिल भाटी ने बताया कि यह सभी धाराएं बेबुनियाद हैं क्योंकि यह सभी धाराएं बलवा लोग शांति और लोक सेवक के कार्य में बाधा डालने के विरोध में लगाई जाती है किसानों ने ना तो बलवा किया ना लोग शांति भंग की और ना ही किसी लोक सेवक के कार्य में बाधा डाली। खुद डॉक्टर रुपेश वर्मा भी एक अधिवक्ता है वह ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते ऐसी बेबुनियाद एफ आई आर के खिलाफ सभी अधिवक्ता पुरजोर विरोध करते हैं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कालूराम चौधरी ने कहा कि यदि झूठी एफ आई आर रद्द नहीं की गई। तो बार एसोसिएशन कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होगी।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.