ग्रेटर नोएडा। नोएडा व्यूज
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ विभागों में रिश्वतखोरी अपने चरम पर है विभागों में काम करने वाले बाबुओं ने रिश्वतखोरी की सारी सीमाएं लांग दी है। मानो ऐसा लगता है कि प्राधिकरण की तरफ से इन्हें तनखा नहीं मिलती है यह सिर्फ रिश्वत के लिए ही रखा गया है बिना पैसे लिए आपको कोई सूचना तक यह नहीं देते है बाबुओं की रिश्वत की चर्चा खुलेआम है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के संपत्ति विभाग में मनोज शर्मा उर्फ़ मीनू और सौरव कुमार पर पछले कुछ समय से रिश्वत के आरोप लग रहे है। संपत्ति विभाग में अपने काम के लिये आने वाले लोगों के साथ भी इनका व्यवहार ठीक नहीं बताया जाता है।
संपत्ति ट्रांसफर कि 100 रुपए मीटर रिश्वत फिक्स
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संपत्ति विभाग में ट्रांसफर के नाम पर बाबुओं ने 100 रुपए मीटर रिश्वत फिक्स कर रखी है। सभी कामों की रेट अलग-अलग है आपकी फाइल कंप्यूटर पर बननी तभी शुरू होगी। जब आप रिश्वत का पैसा दे दोगे अन्यथा आपकी फाइल 20 से 25 दिन बाद होगी, बाबुओं का आम आदमी के साथ व्यवहार बहुत गलत है यह लोग तमीज में बात नहीं करते हैं हर फाइल में इन्हें नोट दिखाई देते हैं।
सालों से जमे है एक ही विभाग में
संपत्ति विभाग के ज्यादातर बाबू सालों से इसी विभाग में जमे हुए हैं इसका क्या कारण है यह भी सोचने वाली बात है जो कर्मचारी सालों से एक ही विभाग में जमा रहता है वह वहां अपना गड बना लेता है खुलेआम रिश्वतखोरी करता है अधिकारी बदलते रहते हैं लेकिन बाबू नहीं बदलते।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अधिकारियों के रिश्वत के मामले देखने को नहीं मिलते हैं अधिकारी अपने स्तर पर किसी फाइल को भी रुकते नजर नहीं आते हैं लेकिन बाबुओं का बुरा हाल है बाबू प्राधिकरण की छवि को धूमिल कर रहे हैं खुलेआम रिश्वत मांगते हैं इन बाबुओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इतनी बड़ी संस्था की छवि बाबू धूमिल कर रहे हैं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इसका संज्ञान लेना चाहिए। कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे कि अन्य विभागों के बाबुओं के लिए भी एक मिसाल कायम हो।