- गुनहगारों के साथ निर्दोष कर्मचारी नहीं पीसने चाहिए, जो गलत तरीके से और परिवारवाद के कारण भर्ती हुए हैं उन पर हो कार्रवाई
- अगर इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी निकाले जाते हैं तो बिना कर्मचारियों के कैसे चलेगा प्राधिकरण?
ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पिछले कुछ महीनों से भर्ती घोटाले की जांच चल रही थी जिसमें आरोप थे की प्राधिकरण के अधिकारियों ने कुछ अपने ही परिवार के लोगों को नौकरी पर रख लिया था यहां तक कि कुछ अधिकारियों ने तो 5 से 10 परिवार के लोगों को प्राधिकरण में नौकरी पर रखा।
अब सूत्रों के अनुसार जानकारी मिल रही है जल्दी ही इस भर्ती घोटाले पर फैसला आने वाला है सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि लगभग 49 लोगों को नौकरी से हटाया जा रहा है जिसमें बहुत ऐसे भी लोग हैं जो कि निर्दोष है और सही तरीके से नौकरी लगे हुए हैं। तो ऐसे में प्राधिकरण को इन लोगों का भी ध्यान रखते हुए फैसला करना चाहिए। भारत के कानून में भी यह कहा जाता है चाहे गुनहगार बच जाए लेकिन किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सहायक प्रबंधक को की कमी होने के कारण प्राधिकरण की 122 वी बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 20 सहायक प्रबंधक की भर्ती उत्तर प्रदेश सरकार के सेवा नियोजन पोर्टल के माध्यम से की गई। लेकिन अब सूत्रों के अनुसार मिल रही जानकारी से बताया जा रहा है इन्हें भी सेवा से बर्खास्त करने की चर्चा चल रही है जबकि इन सहायक प्रबंधकों को काम करते हुए 8 माह से ज्यादा का समय हो गया है और इनकी भर्ती को इलहाबाद हाईकोर्ट ने भी वैध माना है। अगर इन्हें हटा दिया जाएगा तो प्राधिकरण बिना कर्मचारियों के कैसे चलेगा ओर इनके परिवार का पालन पोषण कोन करेगा ।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.