गाजियाबाद। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) टीम ने जांच के बाद माल की आपूर्ति किए बिना फर्जी बिल के माध्यम से 46 करोड़ रुपये की फर्जी आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) वसूली मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह इससे पूर्व में भी इस तरह के फर्जीवाड़े में जेल जा चुका है।
दिल्ली की दो फर्म मैसर्स प्रोग्रेसिव एलोय प्राइवेट लि. एवं मैसर्स ब्रिलिएंट प्राइवेट लि. के निदेशक अमित गुप्ता ने अपनी दो फर्मों में कई कंपनियों से लगभग 46 करोड़ की फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर आगे दूसरे फर्मों को स्थानांतरित कर दिया। जांच में सामने आया कि अमित गुप्ता की दो कंपनियों को जारी बिल फर्जी हैं।
इस मामले में अमित को गिरफ्तार कर मेरठ की विशेष राजस्व न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सीजीएसटी टीम से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में भी अमित गुप्ता को मुख्यालय द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
वह लौह अयस्क एवं निकिल का कारोबारी है, जिसकी इन दोनों कंपनियों का टर्नओवर करीब छह हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। इन फर्माें की ओर से फर्जी आइटीसी को उपयोग करने वाले फर्मों की भी जांच की जा रही है।
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