ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अभी पिछले दिनों एक नियम बनाया गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय में बिना पास के एंट्री नहीं होगी और जो भी किसान या अलॉटी पास लेकर के प्राधिकरण के कार्यालय में अंदर जाएगा उसको अपना काम खत्म करके 1:30 बजे से पहले प्राधिकरण से बाहर निकलना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करता है तो प्राधिकरण की तरफ से उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके पीछे अधिकारियों का तर्क था कि किसान और अलॉटी के प्राधिकरण के अंदर होने से अधिकारियों को कार्य करने के लिए समय नहीं मिल पाता था और अब इस नियम को लागू होने से अधिकारियों को कार्य निपटाने के लिए समय मिलेगा।
जब किसान और अलॉटी 1:30 बजे कार्यालय से बाहर निकल जाते हैं तो 10:00 बजे तक क्यों खुलता है कार्यालय?
प्राधिकरण में बाहरी व्यक्तियों के लिए आने जाने का नया नियम बनने के बाद से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय लगभग 1:30 बजे के बाद खाली हो जाता है। उसके बाद प्राधिकरण में सिर्फ अधिकारी और कर्मचारी ही होते हैं जिस कि वह आसानी से अपने कार्य निष्पादित कर सकते हैं उसके बाद भी प्राधिकरण रात को 9:00 से 10:00 बजे तक खुला रहता है ऐसा क्यों? ऐसे कौन से कार्य है जो रात को 10 बजे तक किए जाते हैं जबकि प्राधिकरण का कार्यालय खुलने का ऑफिशियल टाइम सुबह 9:30 बजे से शाम को 6:00 बजे तक है लेकिन फिर भी अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय में ही क्यों बैठे रहते हैं यह सोचने वाली बात है देर रात तक कार्यालय में रुकने का मतलब है भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना।
जूनियर कर्मचारी परेशान
एक कर्मचारी बताते हैं कि जब साहब रात को 10:00 बजे तक बैठे रहते हैं तो हम कैसे निकल जाए हमारी मजबूरी है कि हम भी वहीं बैठे रहते हैं और बड़े साहबओ के निकलने का इंतजार करते रहते हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को संज्ञान लेना चाहिए कि आखिर अधिकारी रात को 10:00 बजे तक प्राधिकरण कार्यालय में बैठकर क्या करते है इसकी भी जांच होनी चाहिए।
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