ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों पर इतना मेहरबान क्यों, किसी को ग्रीन बेल्ट से रास्ता तो किसी को बिना काम हुए ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट।

ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों पर पूरी तरह मेहरबान नजर आ रहा है। जो प्राधिकरण आम किसान पर तुरंत कार्रवाई करता है वह बिल्डरों के सामने नतमस्तक नजर आता है। इसके पीछे क्या कारण है? बिल्डरों द्वारा कोई भी गलती की जाती है या प्राधिकरण के नियमों की अनदेखी की जाती है उसके बाद भी बिल्डर पर कोई कार्यवाही ना होती नजर नहीं आती है। प्राधिकरण के अधिकारी बिल्डर पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं एक दूसरे पर जिम्मेदारियां डालते दिखाई देते हैं और अपने आप को बिल्डर पर कार्यवाही से दूर रखते हैं।

किस आधार पर बिल्डर को ग्रीन बेल्ट से रास्ता दिया गया है?

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत 130 मीटर रोड पर मिगसुन अल्टीमो के नाम से सोसाइटी है जो कि अंदर सेक्टर में है लेकिन उसको ग्रीन बेल्ट काट कर के सीधे 130 मीटर रोड पर कनेक्टिविटी दी गई है। इसके पीछे क्या कारण थे इसकी जांच होनी चाहिए क्या किसी सोसायटी का गेट डायरेक्ट 130 मीटर जैसे मेन रोड पर खोला जा सकता है। वह भी ग्रीन बेल्ट को काट कर के आखिर इतनी मेहरबानी बिल्डर पर क्यों, क्या कारण रहे जो प्राधिकरण बिल्डर के सामने बिल्कुल नतमस्तक हो गया।

दूसरा मामला ग्रेटर नोएडा में ही एक कमर्शियल कंपलेक्स का है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिल्डर ने बिना काम पूरा किए हुए हैं ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट प्राधिकरण से ले लिया, जबकि बिल्डिंग में अभी काफी काम बाकी है लेकिन फिर भी अधिकारियों की मेहरबानी के कारण बिल्डर ने ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया है।

जो प्राधिकरण आम आदमी पर तुरंत कार्यवाही करता है और उसकी छोटी-छोटी गलतियों के लिए उसका उत्पीड़न किया जाता है वही प्राधिकरण बिल्डरों के सामने सर झुकाए खड़ा होता है अधिकारी ऐसा दोहरा व्यवहार क्यों करते हैं।

ग्रीन बेल्ट काट कर के सीधे 130 मीटर रोड पर कनेक्टिविटी दी गई है।

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