ग्रेटर नोएडा। कपिल कुमार
एनटीपीसी के खिलाफ किसान पिछले कई महीनों से आंदोलनरत है। लेकिन जनप्रतिनिधि किसानों से मिलना ही नहीं चाहते। किसान लंबे समय से एनटीपीसी गेट के बाहर धरना दे रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी कोई उनकी समस्या को सुनने के लिए तैयार नहीं है। मजबूरी में किसानों को विधायक का घेराव करना पड़ रहा है। महीनों से जनप्रतिनिधि चाहे सांसद हो या विधायक हो किसानों को लगातार नजरअंदाज करते आ रहे हैं। क्षेत्र की जनता ने इन्हें अपना विधायक अपनी समस्याओं का समाधान कराने के लिए ही चुना था। ना कि सिर्फ शादियों में जाने और फोटो खिंचवाने के लिए।
जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है कि उनके क्षेत्र कोई भी समस्या हो उसे शांति से सुना जाए और उसके समाधान के लिए कोशिश की जाए। लेकिन यह दुख की बात है क्षेत्र के सत्ता के विधायक और सांसद किसानो से मिलने के लिए ही तैयार नहीं है। मजबूरन किसानों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है गुरुवार की दोपहर भारी संख्या में इकट्ठा होकर एनटीपीसी प्रभावित किसान नोएडा सेक्टर 70 की सड़कों पर उतर गए। किसानों का कहना है कि अब बड़ा आंदोलन होगा। जनप्रतिनिधि किसानों की समस्याओं को सुन नहीं रहे हैं किसानों को नजरअंदाज किया जा रहा है अगर किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते हैं तो जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ रखकर बैठे होते हैं। आम जनता और किसान जाए तो अपनी समस्या लेकर किसके पास जाएं।
किसानों को कर दिया जाता है हाउस अरेस्ट
अगर जनप्रतिनिधियों से मिलना चाहते हैं इकट्ठा होकर अपनी समस्या उनके पास लेकर के जाना चाहते हैं सत्ता का प्रयोग करते हुए उन्हें रोक दिया जाता है। घर पर ही हाउस अरेस्ट कर दिया जाता है। पुलिस का पहरा दे दिया जाता है। जिससे कि वह बाहर न निकल सके। ऐसे में किसान अपनी समस्या का समाधान कैसे कराएं। समाधान ना हो कम से कम कोई सुनने वाला तो हो किसान को भी संतुष्टि हो जाए। कि उसकी समस्या हल होगी तो किस तरह से होगी जिन लोगों पर विश्वास करके वोट दिया आज वही उन्हें देखना नहीं चाहते।
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