ग्रेटर नोएडा।
आजकल प्राधिकरण में लोग अपने गलत काम निकलवाने के लिए लोग नए-नए तरीके अपनाने लगे हैं। अब एक नया प्रचलन चला है कि अधिकारी और कर्मचारियों की बिना तथ्यों के शिकायत करो। अधिकारियों पर दबाव बनाओ और अपने गलत काम को निकलवाने की कोशिश करो। लेकिन जब उनसे सबूत मांगे जाते हैं तो उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं होते हैं। जो कानून सरकार ने समाज हित के लिए बनाए थे। उनका दुरुपयोग किया जा रहा है। अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें शिकायतकर्ता वेद यादव पुत्र इंदर सिंह ग्राम पतवाड़ी ने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत की थी शिकायतकर्ता ने लेटर में कहा है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने पतवाड़ी के भूमि खसरा संख्या 371 रकबा 0.6070 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया और राजस्व अभिलेखों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का नाम दर्ज हो गया। प्रभावित कस्तकार नानक चंद ने प्रति कर उठा लिया है यहां की गांव के दबंग व भूमाफिया टीकम सिंह यादव ने अपने गिरोह के साथ मिलकर के व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से भूमि पर अवैध कब्जा कर मैरिज हॉल, मंदिर, रेस्टोरेन्ट आदि का निर्माण कर लिया।
अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए दो बार जारी हुआ लेटर नहीं हुई कार्रवाई
टीकम सिंह यादव के रसूख का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ के द्वारा इसके अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए दो बार लेटर जारी हुआ लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहाँ तक कि संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए प्राधिकरण को लेटर जारी किया गया। लेकिन उसके बाद भी इसके अवैध निर्माण पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब इस बात का अंदाजा आप अब खुद लगा सकते हैं इसका अधिकारियों पर कितना दबाव है।
अवैध निर्माण को बचाने के लिए मंदिर का सहारा
कथित तौर पर कहा जाता है कि अपने अवैध निर्माण को बचाने के लिए मंदिर का सहारा लिया जा रहा है शिकायतकर्ता ने कहा है कि इसने अपने अवैध साम्राज्य को बचाने के लिए ही मंदिर का निर्माण कराया था। जिससे कि मंदिर को कोई नहीं छोड़ेगा और मंदिर की आड़ में इसका अवैध निर्माण बना रहेगा।
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