सरोगेसी के लिए अब समिति से लेनी होगी अनुमति, डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित

गाजियाबाद। जिले में अब सरोगेसी के लिए जिला स्तरीय समिति की अनुमति लेनी होगी। शासन के निर्देश पर डीएम की अध्यक्षता में समिति का गठन कर दिया गया है। सीएमओ को समिति में सचिव बनाया गया है। गठित हुई समिति के संबंध में जारी किया गया शासनादेश बुधवार को स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हो गया है।
सीएमओ डा.भवतोष शंखधर ने इसकी पुष्टि की है। गठित की गई समिति में डीएम और सीमएओ के अलावा सदस्य के तौर पर एडीएम,अध्यक्ष द्वारा नामित स्त्री रोग विशेषज्ञ और संयुक्त निदेशक अभियान शामिल रहेंगे। सरोगेसी एक ऐसा एग्रीमेंट है, जो एक महिला और कोई दूसरे कपल या सिंगल पैरेंट के बीच होता है।
सरोगेसी को जानें
आसान शब्दों में कहें तो सरोगेसी का मतलब है ‘किराये की कोख’। जब कोई पति-पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे पा रहे हैं (या देना नहीं चाहते), तो किसी अन्य महिला की कोख को किराये पर लेकर उसके जरिए बच्चे को जन्म देना सरोगेसी कहलाता है। सामान्यत: सरोगेसी का खर्च लगभग 10-25 लाख रुपए तक आता है, लेकिन यह इसका निर्धारित खर्च नहीं है। इसमें बदलाव आ सकता है यानी सरोगेसी का खर्च 10 लाख से कम या 25 लाख से अधिक भी आ सकता है।

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