नोएडा। भारत में निर्मित कफ सिरप सेवन से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने सेक्टर-67 स्थित मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड ड्रग लाइसेंस रद कर दिया है।
दवा फर्म से 36 नमूने लेकर चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे। 22 नमूने पूरी तरह फेल मिले थे। इसमें कई सैंपल में कफ सीरप में डायथिलीन ग्लाइकाल और एथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा अधिक पाई गई थी।
कफ सिरप में प्रोफाइलिंग ग्लाइकोल मिला था। लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई थी कि इसी के सेवन से बच्चों की मौत हुई है। जांच को भेज गए 14 नमूनों की रिपोर्ट लंबित है। नमूने फेल होने के बाद औषधि विभाग ने कंपनी की निदेशक जया जैन और सचिन जैन सहित कुल पांच लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट फेज-3 कोतवाली में दर्ज कराई थी।
कंपनी के निदेशक को विदेश जाने से रोकने के लिए मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने मामले में ग्रेटर नोएडा मैन्यूफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावत, बंगाल के आपरेशन हेड तुहिन भट्टाचार्य और गाजियाबाद के एनालिटिकल केमिस्ट मूल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लेकिन जेल गए तीनों लोगों को जमानत मिल चुकी है।
गौतमबुद्धनगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि मेल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन का लाइसेंस रद होने की जानकारी दी है। पिछले दिनों गिरफ्तार फर्म के लोगों को जमानत मिलने की जानकारी नहीं है। मामले में वादी गाजियाबाद के औषधि निरीक्षक है।
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