ग्रेटर नोएडा। नौ साल के बच्चे की पथरी के इलाज के लिए उसकी किडनी से पेशाब नली तक गलत तरीके से स्टैंट डालने का आरोप पीड़ित पिता ने सेक्टर बीटा एक स्थित जेआर अस्पताल पर लगाया है। पीड़ित पिता का कहना है कि दो दिन बाद जब दूसरे अस्पताल में जब भर्ती किया, तब इसकी जानकारी हुई। पिछले 20 दिन से बच्चे का इलाज चल रहा है, जिसमें लाखों रुपये खर्च हो गए हैं। गांव के खेत तक बेचने पड़ गए।
जेआर अस्पताल से जब इलाज का खर्च मांगा, तो महज 60 हजार ही रुपये दिए गए। पिता ने इसकी शिकायत बीटा कोतवाली में लिखित में दी है, जहां से अस्पताल की जांच के लिए सीएमओ को शिकायत भेज दी गई है। आरोप है कि सोमवार को जब पीड़ित परिवार ने जेआर अस्पताल पहुंचकर इलाज के लिए खर्च की मांग की, तो अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस बुलाकर उन्हें भगा दिया।
पीड़ित पिता अमित कुमार ने बताया कि वह एक आनलाइन शापिंग वेबसाइट के लिए डिलीवरी का काम करते हैं। सेक्टर पी-थ्री में परिवार के साथ रहते हैं। 11 मार्च को छोटे बेटे के पेट में दर्द हुआ, तो जेआर अस्पताल ले गए। यहां एक डाक्टर ने जांच कर बताया कि किडनी में पथरी की शिकायत है। स्टैंट डालना पड़ेगा, जो कुछ दिन बाद निकाल दिया जाएगा। अमित ने इलाज की हामी भर दी। 12 मार्च को दो डाक्टरों ने आपरेशन किया।
आपरेशन के बाद से बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी। बच्चे का पेट फूलने लगा। डाक्टरों से जब शिकायत की, तो कहा गया सब कुछ ठीक है। हालत काफी बिगड़ने पर 14 मार्च की रात करीब 11 बजे एक अन्य निजी अस्पताल में ले गए। अन्य निजी अस्पताल के डाक्टरों ने जब जांच की तो बताया कि बच्चे के इलाज के लिए जो स्टैंट डाला गया था, वह गलत ढंग से डाला है, जिस कारण पेट काफी फूल गया है और फटने का डर है।
पिता के सामने ही डाक्टरों ने कमर के रास्ते पेट से करीब तीन लीटर पानी निकाला। बच्चे की पेशाब की थैली में संक्रमण होने से पस पड़ने लगा था। पिता अमित ने बताया कि जेआर अस्पताल के डाक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चा परेशानी में है। पिछले 20 दिन में चार लाख रुपये के करीब खर्च हो गए हैं। जमीन बेचनी पड़ गई है।
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