ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
प्रसिद्ध लेखक शांतनु गुप्ता जिन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दो बेस्टसेलर शीर्षक लिखे हैं, उन्होंने युवा पाठकों के लिए अपना नया ग्राफिक उपन्यास – “अजय टू योगी आदित्यनाथ” लॉन्च किया। योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिन 5 जून को उत्तर प्रदेश के 51+ स्कूलों में ग्राफिक उपन्यास लॉन्च किया गया। लेखक स्वयं लखनऊ के ‘सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल’ में सैकड़ों बच्चों सहित कैबिनेट मंत्री जीतीं प्रसाद, विधायक राजेश्वर सिंह, तूलिका रानी व अन्य अतिथियों के साथ उपस्थित थे। योगी सरकार में युवा शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने भी विडीओ के माध्यम से अपना संदेश भेजा। साथ ही इस रिकॉर्ड लॉन्च में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 51+ स्कूलों में 5000 से अधिक बच्चों ने किताब लॉन्च की। यह पहली बार था कि एक किताब को कई स्थानों पर एक साथ इतने प्रतिभागियों के साथ लॉन्च किया गया और वो भी बच्चे। इस व्यापक लॉन्च ने “एशिया बुक ओफ रिकॉर्ड्स क़ायम किया। ग्रेटर नोएडा का ग्रेड्स इंटरनेशनल स्कूल भी इस बुक लॉन्च में शामिल हुआ।
लेखक शांतनु ने अपने नए ग्राफिक उपन्यास के बारे में बारीक जानकारी साझा की बताया कि ‘अजय से योगी आदित्यनाथ तक’, उत्तराखंड के सुदूर गाँव में पैदा हुए एक युवा लड़के अजय सिंह बिष्ट की यात्रा है। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक जूनियर वन अधिकारी थे और माता सावित्री देवी एक गृहिणी थीं। अजय को बचपन से ही परिवार की गायों की देखभाल करने, स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ सुनने और स्कूल की बहस में भाग लेने का शौक था। वे सभी आज के उत्तराखंड में पंचूर नाम के एक सुदूर गाँव में डेढ़ कमरे के घर में रहते थे। यहीं से आगे चलकर अजय गोरखनाथ मठ के महंत बने, भारत की संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य और भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। लेखक ने आगे कहा कि ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ हर छात्र के अनुसरण करने और प्रेरणा लेने के लिए धैर्य, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की कहानी है।
लेखक ने बताया कि वह इस कहानी को उन प्रेरक क़िस्सों व उपाख्यानों के माध्यम से बता रहा हैं, जिन्हें उन्होंने अलग-अलग लोगों के साथ अपनी बातचीत के दौरान सुना और आलेखित किया। ये वो लोग हैं जो योगी आदित्यनाथ के जीवन का वर्षों तक हिस्सा रहे। इनमे, उनके पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट, उनकी मां सावित्री देवी, पंचूर गांव के उनके दोस्त, कोटद्वार और ऋषिकेश में उनके कॉलेज के सहपाठी और शिक्षक और उनके साथ के विभिन्न साथी संत और नेता शामिल हैं। लेखक ने कहा की मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने योगी आदित्यनाथ की जीवन-कथा को आप सभी के सामने लाने में मुझे सक्षम बनाया।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.