ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
यमुना प्राधिकरण किसानों के लिए आबादी निस्तारण नियमावली की योजना बना रहा है। इसमें किसानों की ज्यादा समस्याएं दूर हो जाएगी। इस पॉलिसी से किसानों के लिए ट्रेजडी में पड़े सैकड़ों करोड़ रुपए भी वापस मिल जाएंगे। किसानों की मूल आबादी की समस्याएं भी दूर हो जाएगी।
यदि इस पॉलिसी पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी काम करना शुरू कर दें तो किसानों की चल रही समस्याएं खत्म हो जाएगी। किसान आबादी की समस्याओं के लिए रोजाना प्राधिकरण के चक्कर काट रहे किसान लेकिन उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकल पा रहा है।
प्राधिकरण ने जिस समय गांव का अधिग्रहण किया था इसमें गांव की पुरानी आबादी और गांव के बीच की जमीन को भी अधिग्रहण कर लिया था। जो किसानों की आबाद होने की वजह से उनके नाम पर तीनों प्राधिकरण के हजारों करोड़ रुपए आज तक किसानों के नाम पर ट्रेजडी में पड़े हैं। यह न तो किसानों ने लिये और ना ही प्राधिकरण इस राशि का प्रयोग कर पा रहा है। पिछले दो दशक से जमीन के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं मगर अभी तक भी नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कोई योजना तैयार नहीं की। अब जब यह समस्या यमुना प्राधिकरण के सामने आए तो उसके लिए एक पॉलिसी तैयार की जा रही है। इसमें किसानों की ऐसी जमीन जो गांव के बीच में है और प्राधिकरण के लिए भी इसका कोई प्रयोग नहीं है उसको छोड़ने का प्लान तैयार किया जा रहा है।
“आबादी की अधिग्रहित जमीन के लिए आबादी नियमावली बनाई जा रही है इससे किसानों को उसकी जमीन वापस दे दी जाएगी और प्राधिकरण ट्रेजरी में जमा पैसा वापस लेकर विकास कार्य में लगाएगा – डॉ. अरुण वीर सिंह सीईओ यमुना प्राधिकरण“
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