ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान अपनी मांगों को लेकर के लगभग पिछले 2 महीने से आंदोलन कर रहे थे। किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए थे और प्राधिकरण के अधिकारी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं थे। कई बार किसान और प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। एक बार क्षेत्रीय विधायक भी मौजूद रहे लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। फिर आखिर में राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने पहल की किसानों, प्राधिकरण के अधिकारियों और शासन में बात करके सहमति बनाई और आंदोलन को स्थगित कराया।
राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर की रही अहम भूमिका, क्षेत्र के किसानों ने जताया उन पर भरोसा
आंदोलनरत किसानों से कई बार सत्ता पक्ष के नेता मिले उन्होंने किसानों को आश्वासन भी दिया लेकिन वह किसानों को अपनी बात मनवा नहीं पाए। किसान और प्राधिकरण के बीच में मामला सीईओ के साइन को लेकर के अटक गया। किसान चाहते थे कि समझौते पर हस्ताक्षर प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी करें। लेकिन प्राधिकरण का कहना था कि हस्ताक्षर विशेष कार्यकारी अधिकारी या अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी करेंगे। बात बिगड़ती देख राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर ने मोर्चा संभाला किसानों से जेल में जाकर के मिले किसानों को अपने विश्वास में लिया और किसानों ने भी पूरी तरह राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर पर विश्वास जताया। उनकी बात को पूर्णतया माना गया सांसद ने किसान और प्राधिकरण के बीच बातचीत करा कर कमेटी गठित कराई। जिसमें प्रदेश कैबिनेट मंत्री, जनप्रतिनिधि, किसान और प्राधिकरण के अधिकारी शामिल है। 15 जुलाई तक का समय दिया गया है कमेटी को यह सारी बातें लिखित में हुई है। जिस पर हस्ताक्षर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने किये है जिसके बाद किसानों ने धरना स्थगित कर दिया।
राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर के इस कदम के बाद क्षेत्र के किसान और आम नागरिक उनकी भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं लोगों का कहना है सुरेंद्र नागर हमारे अपने नेता है और हमें हमारा हक दिलवाने का पूरा प्रयास करेंगे हमें उन पर पूरा भरोसा है।
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