ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नव नियुक्त सीईओ रवि कुमार एन जी ने पद भार संभालने के दूसरे ही दिन पत्रकार वार्ता की और जनता से जुड़ी समस्याओं को जाना। सीईओ ने सबकी बातों को ध्यान से सुना और उठाए गए मुद्दों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया तो नही दी। पर यह आश्वासन दिया की, उन्हे चीजों को समझने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। जिसके बाद वो हर समस्या को न केवल व्यक्तिगत स्तर पर देखेंगे। बल्कि प्राधिकरण की कार्य प्रणाली में जिन बदलाव की आव्यशक्ता होगी उन्हे उठाकर के प्राधिकरण के वातावरण को जन हित का बनायेंगे।
प्राधिकरण में कुछ समस्या है अति महत्वपूर्ण है जिनका जल्द से जल्द संज्ञान लिया जाए
जिनमें किसानों के मुद्दे अहम है किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पर दोबारा धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दूसरा प्राधिकरण के सफाई कर्मचारी भी धरने पर हैं जिससे शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया और प्राधिकरण की अधिकृत जमीन पर लगातार अवैध कॉलोनियां काटी जा रही है जिन्हें ध्वस्त करने में प्राधिकरण असहाय नजर आता है। अधिकारियों का कहना है कि पर्याप्त पुलिस फोर्स नहीं मिल पाती। तो ऐसे में हमारा एक सुझाव है अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के साथ-साथ सीलिंग का प्रावधान भी किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है, प्राधिकरण की आंख नाक और कान से भ्रष्टाचार टपकता है। यहां लगभग हर डिपार्टमेंट में, विशेषकर प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट में बिना पैसे दिए लीज और TM नही होते। हर हॉस्पिटल की लीज डीड में ये लिखा हुआ है की वो दो घंटे सुबह और दो घंटे शाम को ओपीडी फ्री रहेगी। और भी कई सुविधाएं उस लीज डीड में लिखी है, जो सुविधाएं किसी को भी, किसी भी हॉस्पिटल द्वारा नही दी जा रही है। इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जाये।
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