ग्रेटर नोएडा। कपिल तोंगड़
हाईटेक शहर में हर कार्य प्लानिंग के तहत किया जाता है। मास्टर प्लान के अनुसार योजनाएं बनती है और उनका क्रियान्वयन किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की महत्वपूर्ण योजनाओं पर अवैध निर्माण का ग्रहण लगता जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की उदासीनता के कारण प्राधिकरण ने जो महत्वपूर्ण रोड निकालने के लिए जिस जमीन को पूर्व में चिन्हित किया था। आज वह जमीनी भी अवैध निर्माण की भेंट चढ़ गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की प्लानिंग धूमिल होती नजर आ रही है। ग्रेटर नोएडा शहर से जीटी रोड के लिए 30 साल से आज तक कोई डायरेक्टिविटी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण नहीं कर पाया है यही वह एकमात्र प्लान था जो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जीटी रोड से डायरेक्ट कनेक्ट करने का बनाया था। लेकिन अधिकारियों के ढुलमुल रवैया के कारण सारी योजनाएं धरी रह गई। अवैध निर्माण करने वालों को भरपूर समय दिया गया है। रोजाना हजारों लोगों का आना जाना है जीटी रोड से ग्रेटर नोएडा की तरफ और उसका एकमात्र रास्ता है। उसी को देखते हुए इस रोड को 60 मीटर रोड को बनाने की योजना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा बनाई गयी थी।
जीटी रोड पर जाने के लिए एकमात्र रास्ता तिलपता गांव के बीच से निकलता है
ग्रेटर नोएडा शहर को बसे हुए लगभग 30 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन ग्रेटर नोएडा शहर की कनेक्टिविटी नेशनल हाईवे जीटी रोड से आज तक भी नहीं हो सकी। शहर के लोगों को जीटी रोड तक जाने के लिए एकमात्र रास्ता तिलपता गांव से होकर गुजरता है। जिसकी चौड़ाई मात्र लगभग 25 फीट है। आए दिन जाम लगा रहता है। दुर्घटनाएं होती हैं। लोगों की जान जाती है। बारिश में कई कई फीट पानी भर जाता है। लेकिन लोग वैकल्पिक मार्ग नहीं होने के कारण यहां से निकलने के लिए मजबूर है। इसी मार्ग पर एशिया का सबसे बड़ा कंटेनर डिपो पड़ता है जहां से बड़े-बड़े कंटेनर निकलते हैं। उन्हें भी संकरे रोड से होकर ही निकलना पड़ता है।
जहां से निकलना था सबसे महत्वपूर्ण रोड, वह खड़ा है अवैध निर्माण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सबसे पुराने हाईवे जीटी रोड की कनेक्टिविटी ग्रेटर नोएडा शहर से डायरेक्ट करनी थी। जिसके लिए 130 मीटर रोड को रूपवास बाईपास से कनेक्ट ने के लिए 60 मीटर रोड का निर्माण करना था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लगभग 5 साल पहले रोड को बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। जमीन को चिन्हित कर तार फेंसिंग करा दी गई थी। लेकिन आज रोड के लिए आरक्षित जमीन पर भी अवैध निर्माण खड़ा हो गया है। इसमें अधिकारियों की भूमिका जाँच का विषय है।
दादरी विधायक ने विधानसभा में उठाया था इस रोड का मुद्दा
दादरी विधायक तेजपाल नागर ने इस रोड को बनाने का मुद्दा विधानसभा 2019 में उठाया था और उन्होंने इस रोड को जल्द से जल्द बनाने की मांग की थी। लेकिन उसके बावजूद भी आज तक इस पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से कोई भी कार्य नहीं किया गया जो जमीन चिन्हित की गई थी वह भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्रोजेक्ट विभाग में ज्यादातर अधिकारी डेपुटेशन पर आते हैं और वह सिर्फ अपनी जेब भरते हैं और समय को पूरा करके निकल जाते हैं। उन्हें शहर के विकास से कोई लेना-देना नहीं, उनकी जिम्मेदारी तय हो, उनके होते हुए प्राधिकरण ने जो जमीन 60 मीटर रोड के लिए आरक्षित की थी उस पर अवैध निर्माण कैसे हो गया?
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