ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में खुली अंधेर गर्दी चल रही है। जिधर भी नजर डालो वहीं से भ्रष्टाचार की बू आती है और यह खेल कोई नया नहीं है पुराना चल रहा है। प्राधिकरण के टेक्निकल विभाग का एक कर्मचारी ऐसा है जिसका पद तो टेक्निकल का है लेकिन उसकी एजुकेशन दूर-दूर तक भी कोई टेक्निकल नहीं है। टेक्निकल के कार्य देख रहा है जैसे की निविदा में लगे दस्तावेज चेक करना, निविदा का एस्टीमेट बनाना आदि कार्य। प्राधिकरण की तरफ से उसका लॉगिन अकाउंट भी बनाया गया है।
प्राधिकरण के उद्यान विभाग में सर्वेश धर टेक्निकल हॉर्टिकल्चर के पद पर तैनात है। सूत्रों के अनुसार इसके पास कोई भी टेक्निकल डिग्री या डिप्लोमा नहीं है। उसके बावजूद भी टेक्निकल पद की जिम्मेदारियां संभाल रहा है आखिरकार यह अंधेर गर्दी नहीं तो और क्या है? ऐसी क्या मजबूरी है प्राधिकरण की जो नॉन टेक्निकल कर्मचारियों से टेक्निकल का कार्य कर रहा है। प्राधिकरण में टेक्निकल सुपरवाइजर का कार्य साइट पर जाकर कार्य चेकिंग करना और कार्य को गुणवत्ता के साथ करना होता है लेकिन यह कर्मचारी सिर्फ कार्यालय का ही कार्य करता है ऐसा क्यों?
कहा जाता है कि इस कर्मचारी पर कई बार भ्रष्टाचार के आप भी लगे हैं लेकिन इसकी पहुंच बहुत ऊपर तक बताई जाती है जिसके कारण कभी इसकी जांच नहीं की गई और ना ही इस पर कोई कार्रवाई हुई है। निविदा दस्तावेजों के साथ हेरा फेरी करना, ठेकेदारों के साथ गठजोड़, बिल में हेरा फेरी करना, ठेकेदार से गिफ्ट में कार लेना जैसे गंभीर आरोप इस कर्मचारी पर लगे हैं लेकिन आज तक कोई इसका बाल बांका नहीं कर पाया है।
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